जलवायु परिवर्तन पर भारत एवं भूटान के बीच द्विपक्षीय बैठक, दोनों पक्षों में क्षमता निर्माण पर सहमति

 


नई दिल्ली, 12 जुलाई (हि.स.)। वायु गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन, वन, प्राकृतिक संसाधन, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत और वन्य जीवन विषयों को लेकर भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय बैठक का आयोजन किया गया।

शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में भूटान सरकार के ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री जेम शेरिंग के नेतृत्व में भूटान की शाही सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह से भेंट की।

बैठक के दौरान वायु गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन, वन, प्राकृतिक संसाधन, वन्य जीवन और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन, वायु गुणवत्ता, वन, वन्यजीव प्रबंधन तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन में क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में संयुक्‍त रूप से कार्य करने पर सहमति व्यक्त की। भारत ने संयुक्त कार्य समूह की बैठक आयोजित करने का सुझाव भी दिया।

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अनुसार जेम शेरिंग ने अप्रैल 2024 में पारो में टाइगर लैंडस्केप सम्मेलन के लिए सतत वित्त की सफलतापूर्वक मेजबानी के संदर्भ में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भूटान पहले से ही एक कार्बन रहित देश है और अपनी ऊर्जा का बड़ा हिस्सा जलविद्युत से प्राप्त करता है।

कीर्ति वर्धन सिंह ने भारत की वैश्विक पहल इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस में शामिल होने पर भूटान के मंत्री के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक समान भौगोलिक स्थिति, इकोसिस्‍टम और लोकतंत्र के समान मूल्यों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन दोनों देशों के लिए एक समान चिंता का विषय है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी / दधिबल यादव