भारतीय जहाज तबर ने भूमध्य सागर में फ्रांस के साथ किया द्विपक्षीय अभ्यास 'वरुण'
- दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी सहभागिता को बढ़ाना था उद्देश्य
- ‘सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों’ को समझने तथा आत्मसात करने का मौका मिला
नई दिल्ली, 06 सितम्बर (हि.स.)। कैप्टन एमआर हरीश की कमान में भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तबर ने भूमध्य सागर में फ्रांसीसी नौसेना के साथ द्विपक्षीय अभ्यास वरुण के 22वें संस्करण में भाग लिया। भारत की ओर से टोही निगरानी विमान पी-8आई भी समुद्री अभ्यास में शामिल हुआ, जबकि फ्रांस के पनडुब्बी, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर ने द्विपक्षीय अभ्यास में हिस्सा लिया।
भारत से कई देशों की लंबी सद्भावना यात्रा पर निकले भारत के जलपोत आईएनएस तबर ने 29 अगस्त से 01 सितम्बर तक टूलॉन, फ्रांस का दौरा किया था और बाद में प्रस्थान के बाद भूमध्य सागर में 02 से 04 सितम्बर तक द्विपक्षीय अभ्यास वरुण के 22वें संस्करण में भाग लिया। पोर्ट पर फ्रांसीसी नौसेना के सेरेमोनियल गार्ड ने भारतीय जहाज का स्वागत किया। समुद्री अभ्यास में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व जहाज पर सवार टोही निगरानी विमान पी-8आई ने किया।
फ्रांस की ओर से एफएस प्रोवेंस, पनडुब्बी सुफ्रेन, विमान एफ-20, अटलांटिक-2, लड़ाकू विमान एमबी-339 और हेलीकॉप्टर एनएच-90 डॉफिन अभ्यास में शामिल हुए। द्विपक्षीय अभ्यास के दौरान कई उन्नत नौसैनिक ऑपरेशन हुए, जिसमें सामरिक युद्धाभ्यास, उन्नत पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास, फ्लाईएक्स, वायु रक्षा अभ्यास, लाइव हथियार फायरिंग, फोटो-एक्स और स्टीम पास्ट शामिल थे। यह अभ्यास जमीन, आसमान और समुद्र में हुआ।
भारतीय नौसेना ने एक बयान में बताया कि 2001 में शुरू हुआ द्विपक्षीय अभ्यास वरुण भारतीय-फ्रांस संबंधों की रीढ़ है। भूमध्य सागर में वरुण के 22वें संस्करण का आयोजन भारत और फ्रांस के बीच समुद्री क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) से दूर भारतीय नौसेना की पहुंच और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वरुण अभ्यास सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाओं की प्रतिबद्धता का भी उदाहरण है। भारतीय नौसेना दुनिया भर में समान विचारधारा वाली नौसेनाओं के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम