बिहार के नवादा में दबंगों ने दलित बस्ती के 80 घरों को किया आग के हवाले
पटना/नवादा, 18 सितम्बर (हि.स.)। बिहार में नवादा शहर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अन्तर्गत देदौर कृष्णा नगर दलित बस्ती में बुधवार देर शाम सरकार की जमीन पर बसे लोगों के घरों को दबंगों ने आग के हवाले कर दिया। पुलिस के मुताबिक इस घटना में करीब 80 घरों को आग के हवाले किया गया।
उपद्रवियों ने पहले महादलित टोला इलाके में गोलीबारी की और फिर घरों को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद बड़ी संख्या में मौके पर पुलिस कैंप कर रही है। इस घटना में कई मवेशी भी जलकर मर गए। पीड़ित ग्रामीणों ने गोलीबारी व मारपीट करने का भी आरोप लगाया है। गांव में आक्रोश व्याप्त हो गया है। घटना की जानकारी मिलने पर फायर बिग्रेड की टीम वहां पहुंची और कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया गया।
घटना के बाद बढ़ते तनाव के बीच इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। महादलित समुदाय के लोग पिछले एक दशक से सरकारी जमीन पर रह रहे थे, लेकिन आज कुछ उपद्रवियों ने इलाके में पहुंचकर गोलीबारी की। इसके बाद उन्होंने घरों में आग लगा दी, जबकि लोग अंदर मौजूद थे। इलाके के लोगों ने जब आग की लपटें और धुआं निकलता देखा तो वे तुरंत बाहर निकल आए, लेकिन अपने घरों को नहीं बचा पाए।
मौके पर 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद हैं। आग पर काबू पा लिया गया है। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि घटना के पीछे कौन है। हमले के पीछे की वजह का पता लगाने के लिए पुलिस की ओर से प्रयास जारी है।
सदर एसडीओ अखिलेश कुमार, एसडीपीओ अनोज कुमार, एसडीपीओ सुनील कुमार समेत मुफस्सिल, नगर, बुंदेलखंड समेत कई थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची हुई है। घटना के संबंध में पीड़ित ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बुधवार की शाम करीब साढ़े सात बजे प्राण बिगहा के नंदू पासवान सैकड़ों लोगों के साथ गांव पहुंचे और अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे। इस बीच कई ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई। इसके बाद 80-85 घरों में आग लगा दी गई। पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि आग में कई मवेशी आदि मर गए। घर का सामान पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि अचानक हुई घटना से लोग कुछ समझ नहीं पाए। अचानक वे गांव पहुंचे और गोलियां चलाने लगे, जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई। गोलीबारी की आवाज सुनकर लोग डर गए। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इस बीच घरों में आग लगा दी गई।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी