जम्मू-कश्मीर के बारामूला में वोटिंग का रिकॉर्ड टूटा, अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार आम चुनाव
नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के दौरान रिकॉर्ड मतदान हो रहा है। सोमवार को जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट पर मतदान हुआ। इसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की और आतंक प्रभावित इस क्षेत्र में पहली बार 50 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।
चुनाव आयोग के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में 38.49 प्रतिशत के रिकॉर्ड मतदान के बाद बारामूला संसदीय क्षेत्र अब पिछले 8 लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक मतदान की ओर अग्रसर दिख रहा है। बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और बडगाम जिलों में शाम 5 बजे तक 54.21 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद घाटी में यह पहला आम चुनाव था।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साथी चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ चुनाव के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन में नागरिक और सुरक्षा कर्मियों दोनों के प्रयासों की सराहना की और जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं की उत्साही भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। आयोग ने कहा कि यह एक स्पष्ट संदेश है कि जम्मू-कश्मीर के लोग मताधिकार का प्रयोग करने और शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली में अपनी हिस्सेदारी रखने के लिए उत्सुक हैं।
आकड़ों के अनुसार बारामूला की इस सीट पर 1989 में 5.48 प्रतिशत, 96 में 46.65 प्रतिशत, 98 में 41.94 प्रतिशत, 99 में 27.79 प्रतिशत, 2004 में 35.65 प्रतिशत, 09 में 41.84 प्रतिशत, 14 में 39.14 प्रतिशत और 2019 में 34.6 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं श्रीनगर सीट पर 1989 में निर्विरोध निर्वाचन, 96 में 40.94 प्रतिशत, 98 में 30.06 प्रतिशत, 99 में 11.93 प्रतिशत, 2004 में 18.57 प्रतिशत, 09 में 25.55 प्रतिशत, 14 में 25.86 प्रतिशत और 2019 में 14.43 प्रतिशत मतदान हुआ था।
आयोग ने दिल्ली, जम्मू और उधमपुर के विभिन्न राहत शिविरों में रहने वाले कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं को भी निर्दिष्ट विशेष मतदान केंद्रों पर व्यक्तिगत रूप से मतदान करने या डाक मतपत्र का उपयोग करने का विकल्प दिया है। जम्मू में 21, उधमपुर में 1 और दिल्ली में 4 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/संजीव