धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे परमार्थ, गंगा आरती में किया सहभाग
-पुष्पवर्षा व शंखध्वनि से दिव्य किया अभिनन्दन
-हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा किया भेंट
ऋषिकेश, 24 जुलाई (हि.स.)। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बुधवार को परमार्थ निकेतन पहुंच कर विश्व शान्ति यज्ञ एवं गंगा आरती में सहभाग किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूज्य संतों का सान्निध्य, साधना व ध्यान को जीवन का अंग बनाना होगा। जिनके पास साधना की शक्ति है उनके पास सब कुछ है।
परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने परमार्थ निकेतन में बागेश्वर धाम सरकार के पहुंचने पर वेदमंत्रों, शंख ध्वनि एवं पुष्पवर्षा कर उनका अभिनन्दन किया। बागेश्वर धाम सरकार ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट की। स्वामी ने हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर बागेश्वर धाम सरकार का अभिनन्दन किया।
इस मौके पर बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जीवन में सब कुछ होता है पर मन ठीक नहीं होता इसलिये पूज्य संतों का सान्निध्य, साधना व ध्यान को जीवन का अंग बनाना होगा। उन्होंने कहा कि विचारों व मन का पवित्र होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती भारतीय संस्कृति व प्रकृति के संरक्षक व उन्नायक हैं, उनका प्रत्येक संदेश गंगा जी, प्रकृति व पर्यावरण के लिये होता है। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन दूसरी बार आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। परमार्थ निकेतन आने पर लगता है जैसे अपने ही घर पहुंच गये। जीवन को जीने के दो रास्ते हैं- एक है अर्थ के माध्यम से और दूसरा परमार्थ के माध्यम से। अधिकांश लोग अर्थ के माध्यम से जीवन जीते हैं। परन्तु धन्य है पूज्य स्वामी आप परमार्थ के लिये जीते हैं। आपने पूरे विश्व को एक नई दिशा प्रदान की।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन संस्कृति के ध्वज को पूरे विश्व में बड़ी ही दिव्यता, सात्विकता, सरलता, सजगता और दृढ़ता के साथ फहराने का कार्य किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / आकाश कुमार राय