भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करता है आरोग्य मेला: सर्बानंद सोनोवाल
नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राष्ट्रीय आरोग्य मेला आयुष क्षेत्र में विविधता, नवाचार और स्वास्थ्य सुरक्षा वितरण की भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी प्रयासों का परिणाम है कि दुनिया भर में अधिक से अधिक लोग अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, आयुर्वेद दिवस और आयुष की अन्य विधाओं से संबंधित अन्य कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। सर्बानंद सोनोवाल गुरुवार को आयुष मंत्रालय के सहयोग से पूरन चंद्र गुप्ता स्मारक ट्रस्ट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय आरोग्य मेले के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर सोनोवाल ने कहा कि राष्ट्रीय आरोग्य मेला अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और आयुष क्षेत्र को आगे बढ़ाने में योगदान देता है और 'हर दिन हर घर आयुष' अभियान लोगों को भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के लाभ प्रदान करने के लिए बनाया गया है। देश में आज 900 से ज्यादा आयुष स्टार्टअप्स हैं, जिनमें एक यूनीकॉन भी है।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुष एक वटवृक्ष की तरह है, जिसके नीचे कई चिकित्सा सेवाएं फलती- फूलती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नेशनल आयुष मिशन के तहत आयुष को देश के हर जिले तक ले जाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। लक्षित 12500 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में से 9000 से अधिक सेंटर की स्थापना की जा चुकी है। देश में आयुष मंत्रालय की स्थापना हुए अभी सिर्फ 9 वर्ष से कुछ ज्यादा दिन ही हुए हैं और मंत्रालय ने इस छोटे से काल में बहुत बड़ी और विशेष सफलताएं हासिल की हैं। आयुष अनुसंधान पोर्टल में अब तक चालीस हजार से ज्यादा अनुसंधान प्रकाशन प्रकाशित किए जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय आरोग्य मेला 1 फरवरी से 4 फरवरी, 2024 तक जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम नई दिल्ली में आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जो आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी समग्र भारतीय उपचार परंपराओं का एक विशेष प्रयास है। यह कार्यक्रम आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के लाभों और सिद्धांतों को प्रदर्शित करने, जागरूकता पैदा करने और समग्र स्वास्थ्य और कल्याण प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने, चिकित्सकों, विशेषज्ञों और के बीच सहयोग और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। मेले में आयुष की सभी चिकित्सा पद्धतियों के स्टॉल लगाए जाएंगे और निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल