अयोध्या में बीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने की चौदह कोसी परिक्रमा
अयोध्या, 21 नवम्बर (हि.स.)। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या की ऐतिहासिक चौदह कोसी परिक्रमा देश के कोने-कोने से आए बीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया । परिक्रमा मंगलवार की देर रात तक जारी रहेगी। बिना रुके, बिना थके मंगलवार को भी श्रद्धालुओं के आस्था के पथ पर लाखों पग निकल परिक्रमा करते दिखे। परिक्रमा समाप्ति पर सरयू स्नान और प्रमुख मंदिरों को दर्शन पूजन का क्रम जारी रहा।
परिक्रमापथ पर रामचरित मानस की चौपाइयों की गूंज के साथ जय श्रीराम, राम-राम और सीताराम के स्वर ध्वनित हो रहे थे। परिक्रमा को देखते हुए रामनगरी में यातायात डायवर्जन लागू कर दिया गया है। अयोध्या में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। चौदह कोसी परिक्रमा में सुबह होते-होते अयोध्या और अयोध्या धाम मानव-श्रृंखला में बंध सी गई ऐसा लग रहा है जैसे कि दोनों नगरों को भक्तों की माला पहना दी गई है।
मंगलवार की रात्रि 2 बजे से चल रही है परिक्रमा
मंगलवार रात्रि 2:00 बजे से अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई। मंगलवार की रात 11:38 तक चलेगी। यहां पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने रामनाम संकीर्तन और लोक गीतों के साथ परिक्रमा कर रहे हैं। ड्रोन कैमरे की देखरेख में सुरक्षा के कड़े प्रबंध दिखाई दिये। परिक्रमा मार्ग पर सिर पर आस्था की गठरी लिए नंगे पांव श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई उमड़ा रहा।
नंगे पांव न गड़े कंकड़, जगह-जगह डाले गए थे बालू
लाखों की भीड़ के लिए प्रशासन सुरक्षा और मेला व्यवस्था के लिए पूरी तरह से सतर्क रहा। परिक्रमा मार्ग पर ड्रोन कैमरे से निगरानी हुई। महत्वपूर्ण स्थलों पर हर कोई सीसीटीवी कैमरे की जद में रहा। डीएम नीतीश कुमार के मुताबिक श्रद्धालु नंगे पांव परिक्रमा किया, इसलिए परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह बालू डालकर इसे आरामदेह बनाने की कोशिश की गई ।
एटीएस की निगरानी में हुई परिक्रमा
परिक्रमा एटीएस की निगरानी में रही। खास भीड़ भाड़ वाले स्थान नयाघाट, रामघाट, सूर्यकुंड, नका हनुमानगढ़ी, गुप्तार घाट, राजघाट सहित परिक्रमा पथ पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम रहे। पूरे पथ पर जगह-जगह पुलिस के साथ सुरक्षा बल तैनात रहे, मार्ग पर प्रकाश की व्यवस्था बनी रही।।
उपचार की रही व्यवस्थ
कंट्रोल रूम, हनुमान गुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, दर्शन नगर, अचारी का सागरा, मिर्जापुर, जनौरा, सहादतगंज, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, अफीम कोठी, अमानीगंज, चक्रवर्ती निर्मोचन घाट व झुनकी घाट पर रही।
खोया-पाया कैंप हो रहा मददगार
यहां पांच स्थानों पर खोया पाया कैंप बनाया गया है, जो लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। कैंप के जरिए कई भूले-बिसरे लोगों को भी मिलवाया गया ।
कंट्रोल रूम में दे सकते हैं सूचना
14 कोसी परिक्रमा मेला शांतिपूर्वक चले। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर मुस्तैद रहे। यहां से जुड़ी किसी भी प्रकार की सूचना-जानकारी कंट्रोल रूम में दी/ली जा सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार /पवन पाण्डेय/बृजनंदन