अयोध्या : पुनर्विकास के नायक के स्वागत को बेताब अयोध्या
- धर्मपथ से रामपथ तक फूलों के सुगंध से महक उठी अयोध्या, अब सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का दीदार बाकी
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को प्रस्तावित है भव्य रोड शो, सरकार, साधु-संत व आमजन रामनगरी में करेंगे अभूतपूर्व अभिनंदन
-रामपथ पर गणपति की आकृति में सजे फूल, भव्य तोरण द्वार भी करेंगे मां भारती के लाल का अभिनंदन
अयोध्या, 29 दिसंबर (हि.स.)। बस कुछ घंटे और! अयोध्या के पुनर्विकास के नायक नरेंद्र दामोदर दास मोदी पहुंचने वाले हैं, जिनके दीदार और स्वागत को अयोध्या बेताब है। प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में 16 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं देश को समर्पित करेंगे। ऐसे में, प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा वाले उत्तर प्रदेश में नरेन्द्र मोदी का अभूतपूर्व स्वागत हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ही इन कार्यों का अवलोकन कर लिया।
साधु-संत व आमजन रामनगरी में प्रधानमंत्री का अभिनंदन करेंगे। कहीं स्वस्तिवाचन तो कहीं शंख व डमरू की नाद से प्रधानमंत्री का अभूतपूर्व स्वागत किया जाएगा। धर्मपथ से रामपथ तक अयोध्या फूलों से महक उठी है और पूरे पथ पर दर्शकदीर्घा प्रधानमंत्री पर पुष्पवर्षा करेगी। रामपथ पर सजे फूलों की खुशबू प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत को तैयार हैं तो वहीं भव्य तोरणद्वार भी मां भारती के लाल का अभिनंदन करने को बेकरार हैं।
विकास के नए युग में अयोध्या का प्रवेश
पुरातन वैभव से समृद्ध अयोध्या में सदियों की उपेक्षा ने जो उदासी की भावना बोई थी, उसके बादल अब छट चुके हैं। अब विकास के आकाश पर नई अयोध्या का दैदीप्य सूर्य प्रकाशमान है। ऐसे में, अयोध्या के खोए वैभव को लौटाकर पुनर्विकास के नायक बने नरेंद्र मोदी रामनगरी में जब मौजूद होंगे तो इस पल के साक्षी बनने के लिए अयोध्या की सारी जनता उत्साहित है और उल्लास-उमंग के रंगों से भर उठी है। प्रधानमंत्री धर्मपथ से होते हुए रामपथ के मार्ग पर जब पहुंचेंगे तो समूची अयोध्या ही उनकी एक झलक देखने को बैरिकेड्स के पास उमड़ आएगी। हर कोई विकास के इस नए युग में अयोध्या में प्रवेश के लिए न केवल पीएम मोदी का आभार ज्ञापन करना चाहता है, बल्कि अपने तरीके से इस खुशी के पल का हिस्सा भी बनना चाहता है।
कलियुग में त्रेता सा वैभव
त्रेतायुगीन अयोध्या के जिस वैभव का वर्णन पुराणों व रामायण समेत धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, उसकी एक झलक अब वर्तमान अयोध्या में साफ तौर पर देखी जा सकती है। अयोध्या के चार मुख्य पथ सनातन वैदिक संस्कृति से प्रभावित हैं। इनका नाम धर्म पथ, राम पथ, भक्ति पथ तथा जन्मभूमि पथ चारों वेदों की तर्ज पर रखा गया है। इन सभी को भव्य रूप से सजाया गया है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। वहीं, योगीराज में बने लता चौक की अनुपम छवि और सजी रंगोली देश-विदेश के आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। लता चौक पर लता मंगेशकर की आवाज में बज रही 'श्री रामचंद्र कृपालु भजमन' की मंद-मंद ध्वनि कानों ही नहीं, यहां से गुजरने वाले पथिकों की आत्मा को भी झंकृत कर दे रही है।
हिन्दुस्थान समाचार /पवन पाण्डेय/बृजनंदन/राजेश