सरयू तट पर लक्षचण्डी महायज्ञ शुरू, करोड़ों मंत्रों के बीच पड़ेगी आहुतियां
- हरिद्वार के प्रखर जी महाराज एवं जगद्गुरु राघवाचार्य जी महाराज के संयोजन में महायज्ञ हुआ शुरू
अयोध्या, 21 फरवरी (हि.स.)। पावन नगरी अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा होते ही भौगोलिक धरातल राममय हो गई। चारों तरफ भगवान के नाम कीर्तन एवं भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। अयोध्या के विकास में तेजी लाने के लिए और विश्व कल्याण हेतु यज्ञ सम्राट महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर जी महाराज और श्रीरामलला सदन देवस्थानम पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरु रामानुजाचार्य डॉ. स्वामी राघवाचार्य महाराज के संयोजन में बुधवार से माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी से श्रीलक्षचण्डी महायज्ञ, लक्षगणपति महायज्ञ एवं श्रीराम यज्ञ का भव्य आयोजन शुरू हो गया है।
कार्यक्रम गुरुवार को भव्य कलश यात्रा गाजे बाजे के साथ निकलेगी। यह अनुष्ठान 09 मार्च फागुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी शनिवार तक 17 दिवसीय का होगा। मां सरयू के गोद में इस अनुष्ठान को लेकर करीब 3 किलोमीटर के परिधि में इस टेंट की भव्य सिटी बसी हुई है। 100 कुण्डीय विराट यज्ञ में करोड़ो मंत्रों के साथ आहुतियां पड़ेगी। 1500 सौ वैदिक आचार्य 17 दिनों तक पाठ करेंगे। शुक्रवार से 1 मार्च तक अनुष्ठान के संयोजक रामलला सदन देवस्थानम पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य डा राघवाचार्य रामकथा की रसमयी वर्षा करेंगे तो 2 मार्च से श्रीमद् भागवत कथा ठाकुर कृष्ण चन्द्र शास्त्री करेंगे। अनुष्ठान में रामलीला, रासलीला का भी आयोजन किया गया है।
प्रेसवार्ता के दौरान यज्ञ सम्राट महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने बताया कि इससे पूर्व देश से भ्रष्टाचार निवारण के लिए दिल्ली इंदौर कानपुर बनारस में महायज्ञ का आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कोरोना कल में पूरे विश्व की रक्षा के लिए वाराणसी में यह आयोजन किया गया था जिससे पूरे विश्व को कोरोना महामारी से निजात मिली।
उन्होंने बताया कि अयोध्या में यह हमारी पहला महायज्ञ है। अनुष्ठान के संयोजक रामलला सदन देवस्थानम पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानुजाचार्य डा राघवाचार्य महाराज ने कहा कि अयोध्या जी के विकास और राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति जैसे तमाम महत्वपूर्ण राष्ट्र हितार्थ संकल्पों के साथ यह महायज्ञ हो रहा है। इस अनुष्ठान में दुर्गा सप्तशती के एक लाख पाठ एवं दस हजार पाठों से हवन, विघ्न विनाशक भगवान गणेश जी की प्रसन्नता के लिए एक लाख गणपत्यथर्वशीर्ष पाठ तथा श्री सीताराम भगवान की प्रसन्नता के लिए एक लाख श्रीराम सूक्त पाठ के साथ सम्पन्न होगा।
अनुष्ठान में 100 सौभाग्यशाली दम्पति यजमान होगें। अनुष्ठान की तैयारी अंतिम पायदान पर है। अनुष्ठान की मानीटरिंग श्रीप्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट की संयुक्त सचिव माता चिदानन्दमयी जी कर रही हैं। इस मौके पर रमेश मिश्रा शिब्बू, राघवेन्द्र मिश्रा अप्पू, मनोज तिवारी, अवधेश सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय / बृजनंदन/आकाश