सेना प्रमुख बोले, रूस-यूक्रेन संघर्ष से भारत को मिला 'आत्मनिर्भर' होने का सबक

 


- पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर स्थिति स्थिर, सशस्त्र बलों को सक्रिय रहने की जरूरत

- चीन, पाकिस्तान की ओर इशारा- सीमाओं पर भूमि युद्ध का प्रमुख कारण बनी रहेगी

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.)। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि हम दुनिया में अभूतपूर्व बदलाव देख रहे हैं। हम वैश्विक मामलों में राष्ट्रीय हित की केंद्रीयता भी देख रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्व बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच हुए संघर्ष से भारतीय सेना ने खुद को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने का महत्वपूर्ण सबक लिया है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर सेना प्रमुख ने कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर बनी हुई है। विभिन्न राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों को सक्रिय रहने की जरूरत है।

जनरल पांडे आज राष्ट्रीय राजधानी के डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 'चाणक्य रक्षा संवाद' के पूर्व एक कार्यक्रम के संवाद सत्र में क्षेत्रीय शांति, कूटनीति और सेना की तैयारियों को लेकर चर्चा की। उन्होंने चीन और पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि भूमि युद्ध का प्रमुख कारण बनी रहेगी, जहां आपने सीमाओं पर विवाद किया है। पिछला साल चुनौतीपूर्ण, लेकिन संतोषजनक रहा है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मद्देनजर उन्होंने कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर बनी हुई है। हमने आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से उसी तरह निपटा है, जिस तरह हमें उनसे निपटना चाहिए था।

सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्व बढ़ रहा है। इसलिए 'आत्मनिर्भर' होना रूस-यूक्रेन संघर्ष से मिले महत्वपूर्ण सबक में से एक है। रूस-यूक्रेन संघर्ष से यह भी सीखने को मिला है कि विजय चिह्नों को भूमि क्षेत्र में परिभाषित करना होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि जो एकीकरण या संयुक्तता हमें हासिल करनी चाहिए वह महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन मेरे विचार में भूमि क्षेत्र अधिक महत्वपूर्ण होने जा रहा है।

सेना के आधुनिकीकरण मुद्दे पर जनरल पांडे ने कहा कि डेटा और नई तकनीक युद्ध के नए इंजन हैं, आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी संकेत क्षमता विकास कार्यक्रम के केंद्र में हैं। हम नई प्रौद्योगिकी के प्रसार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमने 45 विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की पहचान की है, जिनका हमें पालन करने की आवश्यकता है। हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के लिए दर्शन को परिभाषित किया है। सेना समग्र सुधार प्रक्रिया के रूप में सुरक्षा बल के पुनर्गठन, प्रौद्योगिक समावेशन, मौजूदा संरचनाओं में सुधार, समन्वय और मानव संसाधन प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। रोबोटिक्स के क्षेत्र में हम मानव और मानव रहित संयोजन पर विचार कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/पवन