सफलतापूर्वक बचावः चौखंभा पीक पर फंसे विदेशी पर्वतारोहियों को सेना व एसडीआरएफ ने बचाया
देहरादून, 06 अक्टूबर (हि.स.)। चमोली जनपद के चौखंभा-तीन पर्वत की 6015 मीटर ऊंचाई पर फंसे विदेशी पर्वतारोहियों को आखिरकार रेस्क्यू टीम ने रविवार को खोज निकाला और उन्हें सेना ने हेलीकॉप्टर से सुरक्षित जोशीमठ पहुंचाया। सेना और एसडीआरएफ के समर्पण भाव से विदेशी पर्वतारोहियों के चेहरे पर अलग खुशी दिख रही थी। चौखंभा-तीन पर्वत पर दो पर्वतारोही 11 सितंबर से 18 अक्टूबर तक फतह करने वाले थे, लेकिन बीच में कुछ कमियों की वजह से रास्ते में फंस गए थे।
दरअसल, चौखंभा पीक पर फंसे विदेशी पर्वतारोहियों की खोज के लिए सेना व एसडीआरएफ टीम ने कमान संभाली और पैदल रेस्क्यू करने निकल पड़ी। शनिवार को एसडीआरएफ के चार जवानों की टीम को एडवांस बेस कैंप (4900 मीटर) पर हेलीकॉप्टर से उतारा गया। रात में रणनीति बनाई और रविवार सुबह ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी और दुर्गम रास्तों की चुनौतियों के बावजूद एसडीआरएफ टीम ने तत्परता के साथ ट्रैक के जोखिम भरे हिस्सों में पैदल सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम के पैरेलल सर्च ऑपरेशन में जुटी भारतीय सेना की रेस्क्यू टीम ने हेलीकॉप्टर से ट्रैक पर रेकी कर दोनों ट्रैकर्स को ढूंढ़ कर एयरलिफ्ट कर जोशीमठ हेलीपैड पर पहुंचाया। दोनों विदेशी ट्रैकर्स सकुशल व सुरक्षित हैं। सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ टीम जो एडवांस बेस कैंप से आगे सर्चिंग कर रही थी, उसे भी सेना की हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया जा रहा है।
18 अक्टूबर तक फतह करने वाले थे पर्वतारोही
जनपद चमोली के चौखंभा-तीन पर्वत की 7974 मीटर ऊंचाई पर पर्वतारोहण के लिए विदेशी महिला पर्वतारोही अमेरिका निवासी मिशेल थैरेसा व ब्रिटेन निवासी थैजैन मेनर्स इंडियन माउंटनेयरिंग फाउंडेशन के रंजन शर्मा के नेतृत्व में एक कुक व एक पोर्टर गए थे। उन्हें 11 सितंबर से 18 अक्टूबर तक यह अभियान पूरा करना था।
18 सितंबर को रवाना हुआ था पांच सदस्यीय दल
गत 18 सितंबर को यह पांच सदस्यीय दल बदरीनाथ के माणा से अभियान के लिए रवाना हुआ था। अभियान दल में शामिल महिला पर्वतारोही बर्फ से ढंकी चौखंभा-तीन पर्वत पर एलपाइन स्टाइल क्लाइमिंग अभियान पर थी। इस दौरान उसका बैग खाई में गिर गई। बैग में खाने के सामान सहित क्लाइमिंग के लिए काम आने वाले उपकरण भी थे।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण