लोकसभा चुनाव: जब अररिया के सांसद को संसद के गेट पर ही रोक दिया गया था
फारबिसगंज/अररिया, 08 अप्रैल(हि.स.)। देश में चुनाव का मौसम है इस बीच बड़े-बुजुर्गों की जुबान से कई अनसुनी कहानियां सुनने को मिल रही है, जो लोगों के यादों को तरोताजा कर रही हैं। ये कहानी अररिया के एक सांसद की है जो एक साधारण से परिवार आते है। अररिया के पूर्व सांसद महेंद्र नारायण सरदार हैं।
दरअसल, 1975 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए इमरजेंसी के बाद कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में एक आंधी चली थी। कांग्रेस के खिलाफ उठी इस लहर में बिहार की भूमिका बेहद अहम रही। इस आंधी ने बिहार को कई कद्दावर नेता दिए। इन्हीं में से एक नेता थे महेंद्र नारायण सरदार । 1977 के चुनावों में वह एक बड़ी जीत दर्जकर संसद पहुंचे थे ।उन्होंने अररिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डुमरलाल बैठा को शिकस्त दी थी और चुनाव जीतने के बाद जब महेंद्र नारायण सरदार संसद पहुंचे तो सिर्फ़ उनका पहनावा देख उन्हें जवानों ने गेट पर ही रोक दिया था। वाक़िया वर्ष 1977 का है।
आम ग्रामीण के तरह साधारण वेशभूषा में रहने वाले महेंद्र नारायण सरदार बैलगाड़ी से पटना गए और फिर वहां से रेलगाड़ी से दिल्ली पहुंचे थे। ग्रामीण परिवेश में जीवन गुजारने वाले महेंद्र नारायण सरदार शहर की चकाचौंध से वाकिफ नहीं थे। बताया जाता है कि महेंद्र नारायण का धोती व कुर्ता सफर में बेहद गंदे हो गए थे, जिसके चलते संसद भवन के गेट पर तैनात जवानों ने उनका पहनावा देखा और कपड़े देख उन्हें संसद भवन के अंदर जाने रोक दिया। इसके बाद वे काफ़ी हो-हंगामा करने लगे। बाद में जवानों को पता चला कि वे सांसद हैं। तब उन्हें संसद भवन के अंदर जाने दिया गया।
अररिया ज़िला निवासी बताते है कि वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के बाद कांग्रेस के खिलाफ एक आंधी चली थी। पूरे देश में 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा ख़ून्नस था और देश के मतदाता ने 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कई सांसद को अपना मत ना देकर हरा दिया था। उन्हीं में से एक थे अररिया कांग्रेस के प्रत्याशी डुमरलाल बैठा, जिनको हराकर पहुंचे थे संसद महेंद्र नारायण सरदार। जनता पार्टी के टिकट पर महेंद्र नारायण सरदार ने 1977 के लोकसभा चुनाव लड़ा था।आपको बता दें कि महेंद्र नारायण सरदार ने कांग्रेस के प्रत्याशी डुमरलाल बैठा को एक लाख से अधिक वोटों से दर्ज की थी जीत। वर्ष 1967 से 1977 तक अररिया लोकसभा सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कब्जा रहा।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रिंस कुमार