सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय देश के प्रसारण उद्योग का दृढ़ संरक्षक: अनुराग ठाकुर

 


नई दिल्ली, 15 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रसारण और मीडिया प्रौद्योगिकी पर आयोजित 28वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र के दौरान दर्शकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय देश के प्रसारण उद्योग का एक दृढ़ संरक्षक रहा है, जिसने इसे परिवर्तन की बयारों के बीच समझदारी और दूरदर्शिता के साथ संचालित किया है। इसने सार्वजनिक सेवा प्रसारण को बढ़ावा देने, समावेशी नीतियों को डिजाइन व लागू करने, मीडिया से जुड़ी जागरूकता पहल और प्रसारण एवं मीडिया उद्योग में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाई।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश को अपनी सांस्कृतिक विरासत के समृद्ध कैनवस को पहचानते हुए अपना अनूठा मार्ग बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रसार भारती ने हमारे देश की कहानी को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “दूरदर्शन की दानेदार काली-सफ़ेद स्क्रीन से लेकर इसके एचडी एवं अब 4के डिजिटल बदलाव तक, एनालॉग मीडियम वेव से लेकर डीआरएम और अब आकाशवाणी के एफएम तक, दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की विविधतापूर्ण प्रोग्रामिंग ने देश की कई पीढ़ियों को सूचना देने, शिक्षित और मनोरंजन करने का दायित्व निभाया है। एनालॉग युग से लेकर आज के बहुआयामी डिजिटल परिदृश्य तक हमारे प्रसारकों ने दृढ़ता, नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ अपना रास्ता तय किया है।”

अनुराग ठाकुर ने कहा कि तकनीकी तौर पर उन्नत होने में अवसर और चुनौतियां दोनों हैं और कई प्लेटफार्मों पर उच्च-गुणवत्ता वाले कंटेंट की मांग बढ़ रही है। इस उद्देश्य से लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाले प्रसारण उपकरण विकसित करना एक अनिवार्यता बन गया है। यह कहते हुए कि स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने, हमारी वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने और उद्योग व शिक्षा जगत के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे आज के प्रयास आत्मनिर्भर प्रसारण के हमारे सपने की सफलता को निर्धारित करेंगे।

मंत्री ने कहा कि नई डायरेक्ट टू मोबाइल (डी2एम) प्रौद्योगिकियां न केवल टेलीविजन पर बल्कि हैंडहेल्ड उपकरणों जैसे मोबाइल फोन और पैड आदि पर भी किसी भी समय टेरेस्ट्रियल प्रसारण के लिए मजेदार कंटेंट प्रदान करती हैं और वह भी बिना किसी इंटरनेट की आवश्यकता के। हमें नेक्स्ट जेन ब्रॉडकास्टिंग जैसे प्रसारण के नए विकल्पों को तलाशना और अपनाना चाहिए, जो न केवल हमारे समाज के सभी वर्गों तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करेगा बल्कि लगातार विकसित हो रहे उपयोगकर्ता अनुभव के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी काम करेगा।

उन्होंने आगे डेटा सेफ्टी के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि तेजी से परस्पर जुड़ी दुनिया में, डेटा गोपनीयता की रक्षा और संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वदेशी साइबर-सुरक्षा समाधान विकसित करने में भारत के प्रयास वैश्विक डेटा संरक्षण नियमों के अनुरूप डेटा सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। चूंकि हम प्रसारण इको-सिस्टम में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग कर रहे हैं। आइए हम यह सुनिश्चित करें कि हम संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदमों को भी न भूलें।

ओटीटी प्लेटफार्मों की तरफ दर्शकों के बढ़ते रुझान पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमें इस बदलाव को स्वीकार करना चाहिए और उसके अनुसार सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। इस गतिशील वातावरण में प्रासंगिक बने रहने के लिए कंटेंट के निर्माण की हमारी रणनीतियों, नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाने और नियामक ढांचे को तीव्र गति से विकसित करने की आवश्यकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल