लालू यादव घोटाले में जेल जा चुके और उनके साथी भ्रष्टाचार कर रहे : अमित शाह
पटना (बिहार), 06 मई (हि.स.)। राज्य में समस्तीपुर जिले के उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के नरघोघी में नित्यानंद राय के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लालू प्रसाद यादव पर हमला करते हुए कहा कि सत्ता के स्वार्थ के कारण लालू यादव कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए हैं। वो चारा घोटाले, अलकतरा घोटाले और जमीन के बदेल नौकरी देने के मामले में जेल जा चुके हैं जबकि उनके सभी साथी भी भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं।
अमित शाह ने कहा कि झारखंड में इंडी गठबंधन के मंत्री के सचिव के नौकर के पास से 30 करोड़ रुपये मिले। इससे दो महीने पहले कांग्रेस सांसद के घर से 350 करोड़ रुपये मिले थे। इससे कुछ देर पहले ही ममता बनर्जी के मंत्री के घर से 51 करोड़ रुपये मिले थे। मैं लालू यादव को कहना चाहता हूं कि इसी कांग्रेस ने पिछड़ों का विरोध किया। मंडल कमीशन का विरोध किया। पिछड़ा समाज के विरोधी कांग्रेस की गोद में लालू व इनके बेटे बैठे हैं। भाजपा ने सबसे पहले पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग का प्रधानमंत्री बनाया है। गरीब चाय बेचने वाले को प्रधानमंत्री बनाया है।
अमित शाह ने कहा कि लालू के लालटेन व पंजे के साथ अन्याय, भूखमरी, गरीबी तो एनडीए के साथ आने पर डबल इंजन सरकार मिलेगी जो बिहार को आगे बढ़ाएगी। आज केंद्र सरकार में 27 पिछड़े वर्ग के मंत्री हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछड़ा समाज की सबसे विरोधी पार्टी कांग्रेस पार्टी है। बिहार के वंचितों, पिछड़ों और दलितों के नेता कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें जननायक भारत रत्न बनाने का काम किया। मोदी ने नीट, मेडिकल और एम्स दाखिले में पिछड़े और अति पिछड़े समाज को आरक्षण दिया।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पिछड़े समाज के आरक्षण पर डाका डालने का काम किया है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी और रातों-रात पूरे मुस्लिम समुदाय को बिना पिछड़ेपन का सर्वेक्षण कराए पिछड़ा घोषित कर दिया गया और पिछड़े समुदाय का पांच प्रतिशत आरक्षण काटकर मुसलमानों को दे दिया गया। हमारी सरकार कर्नाटक में बनी तो उसे समाप्त कर पिछड़ों को फिर से उसका लाभ दिया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने जीवन की अंतिम सांस तक गरीबों और पिछड़ों के लिए काम किया। कर्पूरी ठाकुर ने मैथिली भाषा को सम्मान देने की मांग की थी और अटल ने मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में जगह दी थी।
हिन्दुस्थान समाचार/ गोविन्द/चंद्र प्रकाश