यूपी विधानसभा में 19 जनवरी से हाेगा अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन, लोकसभा अध्यक्ष करेंगे उद्घाटन
- देशभर से आए प्रतिनिधि 22 जनवरी को अयोध्या में करेंगे रामलला के दर्शन: सतीश महाना
लखनऊ, 29 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि इस बार अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) की मेजबानी उत्तर प्रदेश करेगा। उप्र विधानसभा में होने वाले तीन दिनी सम्मेलन का उद्घाटन 19 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। इसके बाद 22 जनवरी काे सभी प्रतिनिधि रामलला के दर्शन के लिए अयाेध्या जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने सोमवार को विधान भवन में पत्रकारों से वार्ता करने के दाैरान बताया कि 19 दिसंबर से 24 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र चला। पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के बारे में उन्होंने बताया कि सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन के दौरान 20 एवं 21 जनवरी को विभिन्न समसामयिक और संसदीय विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन का समापन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 22 जनवरी को देशभर से आए प्रतिनिधि अयोध्या दर्शन के लिए जाएंगे। उन्हाेंने उप्र विधानसभा में हो रहे बदलावों और प्रयासों के बारे में भी बताया। अध्यक्ष महाना ने कहा कि उप्र. विधानसभा निरंतर नए मानदंड स्थापित कर रही है। विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को सदन में पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ उठाते हैं। अपने 35 वर्षों के संसदीय अनुभव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह देखकर संतोष होता है कि अब विधायिका के सकारात्मक और रचनात्मक पक्ष सामने आ रहे हैं। इसमें मीडिया का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। पूर्व में विधायिका को लेकर नकारात्मक धारणाएं अधिक थीं। वर्तमान में एक सकारात्मक परिवर्तन स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
महाना ने यह भी बताया कि विधानसभा के भ्रमण के लिए प्रदेशभर से बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। इससे आमजन को न केवल विधायिका की कार्यप्रणाली को समझने का अवसर मिल रहा है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति उनकी जागरूकता भी बढ़ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि विगत तीन वर्षों में विधायकों के साथ अलग-अलग समूहों में संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और शीघ्र ही पुनः ‘संवाद कार्यक्रम’ आयोजित किया जाएगा। इसमें सत्र के दौरान प्रस्तुत होने वाले विधेयकों का अध्ययन कर सदन में आने का आग्रह पुनः किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला