एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्र में सहयोग के लिए सी-कैंप के साथ किया समझौता

 


नई दिल्ली, 10 अप्रैल (हि.स.)। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने बुधवार को सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर प्लेटफॉर्म्स (सी-कैंप) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इस दौरान मेडिकल और इंजीनियरिंग के बीच इंटरडिसिप्लिनरी एजुकेशन, रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई-आईबीआईपी (इंटरइंस्टीट्यूशनल बायोमेडिकल इनोवेशन प्रोग्राम) लांच किया गया। एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रोफेसर राजीव कुमार और सी-कैंप के सीईओ व निदेशक डॉ. तस्लीमारिफ सैय्यद ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम ने मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों के बीच सुविधाजनक और केंद्रित संवाद के माध्यम से शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई-आईबीआईपी प्रोग्राम लांच किया।

यह कार्यक्रम सभी के लिए सुलभ, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने एवं स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाने के लिए एआईसीटीई और सी-कैंप का सामूहिक प्रयास है। कार्यक्रम का उद्देश्य इंजीनियरिंग और मेडिकल ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और फैकल्टी मेंबर्स को मेडिकल क्षेत्र की चुनौतियों पर संयुक्त रूप से काम करने की सुविधा प्रदान करना है। मल्टीडिसिप्लनरी एजुकेशन और रिसर्च की सुविधा प्रदान करने के अलावा यह पहल उन्हें विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उद्यमिता के लिए प्रेरित और तैयार करेगी। इस प्रोग्राम के तहत प्रतिभागियों को हेल्थ सेक्टर स्किल्स काउंसिल से मान्यता प्राप्त जैव उद्यमिता संबंधी ऑनलाइन कोर्स भी करवाया जाएगा।

कार्यक्रम लांच करते हुए एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम ने कहा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल छात्रों के बीच सहयोग रचनात्मकता, नवाचार और स्वास्थ्य देखभाल में जटिल चुनौतियों की गहरी समझ को बढ़ावा देगा। अपने कौशल और ज्ञान का लाभ उठाकर दोनों विषयों के छात्र विभिन्न समस्याओं का प्रभावशाली समाधान खोज सकेंगे, जो मरीजों की देखभाल में सुधार ला सकते हैं। इससे चिकित्सा क्षेत्र को काफी लाभ होगा।

सी-कैंप के डॉ. तसलीमारिफ़ ने कहा कि यह प्रोग्राम इंजीनियरिंग और मेडिकल छात्रों को स्वास्थ्य देखभाल में आने वाली वास्तविक चुनौतियों का समाधान करने के लिए इंटरडिसिप्लिनरी प्रोजेक्ट पर सहयोग और काम करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

आईबीआईपी के तहत एआईसीटीई स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए कम से कम 10 आइडिया विकसित और लागू करने के लिए संस्थान को 10 लाख रुपये का अनुदान देगा। प्रोग्राम के लिए चयनित सभी संस्थान एक-दूसरे से सीखने, सहयोग करने और अपने प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए सभी स्वीकृत परियोजनाओं के नेटवर्क का हिस्सा बन जाएंगे।

आईबीआईपी के कार्यक्रम निदेशक डॉ. रवि नायर ने बताया कि सी-कैंप अपने प्रमुख कार्यक्रम के माध्यम से मेडिकल व इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों और फैकल्टी मेंबर्स को इसके लाभ के बारे में जागरूक करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील//दधिबल