सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाने की मांग पर केन्द्र सरकार को भेजा नोटिस
नई दिल्ली, 23 सितंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने दबाव, लालच या धोखे से धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की मांग पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर होगी।
शुक्रवार को जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई की। यह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में ईसाई बनने का दबाव बनाए जाने के चलते आत्महत्या करने वाली तमिलनाडु की लावण्या के मामले समेत दूसरी घटनाओं का हवाला दिया था। याचिका में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में निचले तबके के लोगों खासकर अनुसूचित जाति और जनजातियों के लोगों के धर्मांतरण में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। धर्मांतरण के लिए हमेशा ही आर्थिक रुप से कमजोर तबके को टारगेट किया जाता है।
याचिका में कहा गया है कि यह अपने धर्म के प्रचार प्रसार के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है । भारत में धर्मांतरण को रोकना सरकार की जिम्मेदारी है। याचिका में कहा गया है कि विदेशी चंदे पर चलने वाले एनजीओ को धर्मांतरण के लिए मासिक टारगेट दिया जाता है। याचिका में कहा गया है कि अगर सरकार इसके खिलाफ कदम नहीं उठाती है तो देश में हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/