कांग्रेस के 48 पेज के घोषणा पत्र में दी 5 न्याय और 25 गारंटियां
नई दिल्ली , 5 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को 48 पेज का घोषणा पत्र जारी किया। यह घोषणा पत्र संयुक्त रूप से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे घोषणा पत्र कमेटी के अध्यक्ष पी चिदंबरम, राज्य सभा सदस्य सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन द्वारा कांग्रेस मुख्यालय में जारी किया गया।
घोषणा पत्र जारी करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि व्यापक जनभागीदारी के बाद तैयार किया गया यह घोषणा पत्र देश के राजनीतिक इतिहास में न्याय के दस्तावेज के रूप में याद किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी के इस महत्वाकांक्षी घोषणापत्र में 5 न्याय और 25 गारंटी का ऐलान किया गया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां पत्रकार सम्मेलन में कांग्रेस के इस घोषणा पत्र को न्याय पत्र बताया और कहा कि यह 'न्याय पत्र' भारत के शक्तिशाली भविष्य के निर्माण का एक स्पष्ट रोड मैप है। यह गरीबों, किसानों, मज़दूरों, युवाओं, महिलाओं और वंचितों के लिए संवेदनशील और प्रगतिशील गारंटियों और योजनाओं का एक संग्रह है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने हर वादा निभाया है, न्याय पत्र में दिए सारे वचन भी निभाएंगे।
कांग्रेस का यह घोषणा पत्र युवा, महिला, मजदूर और किसान पर केंद्रित है और इसमें विभिन्न योजनाओं का फायदा पहुंचाने का वादा किया गया है। इसमें युवाओं को अप्रेंटिस पूरा होने के साथ नौकरी दी जाएगी। गरीब महिलाओं को एक लाख रुपये की वार्षिक सहायता दी जाएगी।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में देशभर के लोगों का 25 लाख रुपये तक के फ्री इलाज का वादा किया गया है। बुजुर्गों को रेलवे में रियायत देने का वादा किया गया है। जिसे कोरोना काल में बंद कर दिया गया था।
कांग्रेेस ने इस घोषणा पत्र में एक देश और एक चुनाव का विरोध किया है। वहीं वादा किया है कि गठबंधन की सरकार आने के बाद मतदान के तौर तरीके में बदलाव किया जाएगा। हालांकि, मतदान ईवीएम के माध्यम से होगा लेकिन वीवीपैट मशीन से की पर्ची को अलग से रख और जमा कराया जा सकेगा। वोटिंग मशीन ईवीएम से वीवीपैट से पर्ची का मिलान होगा।
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा है कि वह राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना करवाएगी। इसके माध्यम से कांग्रेस जातियों, उपजातियों और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति का पता लगाएगी। कांग्रेस शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू कराएगी।
कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और गरीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण पर 50 प्रतिशत की कैप हटाएगी। कांग्रेस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सभी रिक्त पदों को एक साल के भीतर भरेगी।
वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन में केंद्र सरकार का योगदान महज 200-500 रुपए प्रति महीने है। कांग्रेस पेंशन की इस राशि को बढ़ाकर न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह करेगी।
कांग्रेस 2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की आधी (50 प्रतिशत) नौकरियां आरक्षित करेगी। कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि उच्च पदों जैसे, न्यायाधीशों, सरकार के सचिवों, उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों, कानून अधिकारियों और बोर्ड के निदेशकों पर अधिक महिलाओं की नियुक्ति हो।
कांग्रेस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देगी। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग को एक वैधानिक निकाय बनाया जाएगा।
कांग्रेस ने मीडिया की पूर्ण स्वतंत्रता सहित भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहाल करने, मानहानि के जुर्म को अपराधमुक्त करने और कानून द्वारा, नागरिक क्षति के माध्यम से त्वरित उपाय प्रदान करने, कांग्रेस मनमाने और अंधाधुंध निलंबन को समाप्त करने का वादा भी किया है।
कांग्रेस के न्याय पत्र में कहा गया है कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार आती है तो खाली पड़े 30 लाख पदों की भर्ती की जाएगी। जाति जनगणना होगी, एमएसपी पर कानून बनेगा। मनरेगा मजदूरी 400 रुपए दिया जाएगा।
कांग्रेस ने के इस न्याय पत्र में जांच एजेंसियों का दुरुपयोग रोकने और पीएमएलए कानून में बदलाव का ऐलान किया गया है। साथ ही सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की भी बात कही गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/अनूप