दक्षिण कोरिया व ताइवान बनने के लिए तैयार हो रहा गुजरात: डॉ. अरविंद पनगढ़िया

 






- गुजरात दौरे पर हैं 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष व चार सदस्य

- रिपोर्ट देने से पहले राज्यों से जानकारी एकत्र कर रहा आयोग

अहमदाबाद, 21 अक्टूबर (हि.स.)। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने गुजरात की आर्थिक प्रगति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले दस वर्ष में समग्र देश की रीयल जीडीपी ग्रोथ रेट एवरेज 6 प्रतिशत के लगभग रही है, उसके सापेक्ष गुजरात की रीयल जीडीपी ग्रोथ रेट एवरेज 8.5 प्रतिशत है। डॉ. पनगढ़िया ने गुजरात की मैन्युफैक्चरिंग स्टेट के रूप में विकास की स्ट्रैटेजी को उचित बताते कहा कि गुजरात राज्य दक्षिण कोरिया तथा ताईवान बनने के लिए तैयार हो रहा है।

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया तथा चार सदस्यीय दल के साथ इस समय गुजरात यात्रा पर हैं। इन दल के लाेगाें ने सोमवार को गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, मुख्य सचिव राज कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अढिया एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ सचिवों के साथ एक बैठक की। 16वां वित्त आयोग आगामी 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच वर्ष की समयावधि को समाविष्ट करने वाली रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 को देने वाला है। आयोग इस संदर्भ में रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले राज्यों का दौरा कर उनके साथ विस्तार से चर्चा कर रहा है। इसी क्रम में आयोग गुजरात की यात्रा पर आया है।

डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास की जो नींव रखी गई है, वह आज सुदृढ़ विकास की इमारत बन गई है। उन्होंने विशेष रूप से कोविड के कठिन काल में भी गुजरात ने अपनी विकास यात्रा निरंतरतापूर्ण ढंग से बनाए रखने की सराहना की। उन्होंने गुजरात सरकार के प्रेजेंटेशन में सूरत इकोनॉमिक रीजन मॉडल तथा डिस्कॉम की भी प्रशंसा की और इसे अन्यों के लिए पथदर्शक बताया।

राजकोषीय विवेक का अनुशासन पर मिले रिवॉर्ड्स : मुख्यमंत्री

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि गुजरात जिस राजकोषीय विवेक (फिस्कल प्रुडेंट) का अनुशासित ढंग से पालन करता है, उन्हें इसके लिए आयोग से गुजरात काे रिवॉर्ड्स मिलने चाहिए। इसके परिणामस्वरूप ऐसे राज्यों के दायित्वपूर्ण वित्तीय प्रबंधन एवं अनुशासित व्यय को पहचान मिलेगी। इतना ही नहीं, अन्य राज्य भी इससे प्रेरित होंगे। उन्होंने आयोग के समक्ष सुझाव दिया कि वित्त आयोग को इस उद्देश्य के लिए राज्य के एफिशिएंसी तथा आउटकम दर्शाने वाले परफॉर्मेंस इंडीकेटर पर अधिक ध्यान देना चाहिए। गुजरात में जो विशिष्ट स्थिति है, आयोग को वित्तीय आवंटन में उसे भी ध्यान में लेने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में एक ओर शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में बसे आदिजाति समुदायों की भी अपनी भिन्न-भिन्न आवश्यकताएं हैं। मुख्यमंत्री ने मांग की कि वित्त आयोग से गुजरात को मिलने वाले लाभ इन वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए मिलें तथा आयोग राज्य की महत्वाकांक्षाओं व आवश्यकताओं के साथ तालमेल साध कर राज्य की वास्तविकताओं को पूरा किया जा सके।

राष्ट्रीय लक्ष्यों पर प्रदर्शन पर राज्यों की हो पहचान: वित्त मंत्री

राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि वित्त आयोग को नेशनल गोल्स यानी रिन्यूएबल एनर्जी, क्लाइमेट चेंज, सस्टेनेबिलिटी जैसे एरिया में परफॉर्मेंस के आधार पर राज्यों को रिकॉग्नाइज करना चाहिए। बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव टी. नटराजन ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष गुजरात सरकार की ओर से विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। आयोग के सदस्यों ने राज्य सरकार के प्रेजेंटेशन पर अपने अभिप्राय व्यक्त किए। इस बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार एसएस राठौड़ सहित विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं सचिव माैजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय