देश में जून तक खोले जाएंगे 100 से अधिक प्रधानमंत्री दिव्याशा केन्द्र
- दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरण प्रदान करने के मकसद से शुरु किए जा रहे हैं पीएमडीके
गोवा, 08 जनवरी (हि.स.)। दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों को सहायता और सहायक उपकरण प्रदान करने के मकसद से देश में जून तक 100 से अधिक प्रधानमंत्री दिव्याशा केन्द्र (पीएमडीके) खोले जाएंगे। मौजूदा समय में इनकी संख्या 45 है। गोवा में चल रहे अंतरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) के सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि पीएमडीके की संख्या बढ़ाने से दिव्यांग लोगों को सहूलियत होगी और उन्हें सहायक उपकरणों के लिए कई किलोमीटर की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। पहले कृत्रिम अंग के लिए कई किलोमीटर जाकर केन्द्रों पर आवेदन देना पड़ता था या फिर कैंप के आयोजन का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब सभी कश्मीर से कन्याकुमारी, लक्ष्यद्वीप के साथ राज्यों में पीएमडीके की शुरुआत की जा चुकी है।
राजेश अग्रवाल ने बताया कि भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम के तहत प्रधानमंत्री दिव्याशा केन्द्र गोवा में भी खुलने जा रहा है। तीन महीने पहले तक इन केन्द्रों की संख्या 10 थी जिसे बढ़ाकर 45 तक किया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (अल्मिको) के मुख्य पांच निर्माण केन्द्रों पर की जाती है। इन केन्द्रों की तकनीकी विशेषज्ञता को देखते हुए मिस्त्र और कई अन्य देशों ने भी भारत से संपर्क किया है। मिस्त्र भी कृत्रिम अंग के निर्माण के क्षेत्र में तकनीकी सहायता चाहता है। उन्होंने बताया कि निगम समय के साथ सभी तरह के कृत्रिम अंगों और उपकरणों को सुगम और सौंदर्यीकरण के साथ निर्माण करने पर जोर दे रहा है। उन्होंने बताया कि इन केन्द्रों के लिए देश के चार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ भी करार किया जा रहा है।
राजेश अग्रवाल ने अपने विभाग के नए पहल के बारे में बताया कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के साथ भी करार किया है जिसके तहत उनके सभी पुस्तक मेले में एक कोना विशेष तौर पर दिव्यांगजनों के लिए होगा। इसके तहत एनबीटी कुछ पुस्तकों को ब्रेल लिपी में तैयार किया जाएगा और क्यूआर कोड तैयार करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / विजयलक्ष्मी/प्रभात