(अपडेट) मप्र के बालाघाट में मुख्यमंत्री मोहन यादव के समक्ष 10 इनामी नक्सलियों ने किया समर्पण
- सतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा : मुख्यमंत्री डॉ. यादवभोपाल, 07 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नक्सलवाद के सफ़ाये की दिशा में एक बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री के समक्ष बालाघाट में रविवार को 10 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया। इनमें चार महिला नक्सली भी शामिल हैं। इन दस नक्सलियों पर विभिन्न राज्यों में कुल 2 करोड़ 36 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उन्हें संविधान की प्रति प्रदान कर मुख्यधारा से जोड़ा। आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों ने अपने हथियार मुख्यमंत्री को सौंपे। आत्म समर्पण करने वालों में इन दस नक्सलियों 62 लाख का सबसे बड़ा इनामी 50 वर्षीय सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोढी पुत्र उंग्गा सोढी, निवासी पुलमपाढ थाना गुल्लापल्ली जिला सुकमा, (छत्तीसगढ़) शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सरकार तक मध्य प्रदेश को नक्सल मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। सतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाइयों से प्रदेश में नक्सली दायरा तेज़ी से घटा है। उन्होंने कहा कि एक भी व्यक्ति को हथियार उठाने की अनुमति नहीं है। उन्होंने नक्सलियों से आह्वान किया कि वे सरकार की पुनर्वास नीति अपनाएं। सरकार उनके जीवन को सुरक्षित करने, विकास सुनिश्चित करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों और जवानों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि एंटी नक्सल अभियान को लगातार सशक्त और सुदृढ़ किया जा रहा है। प्रदेश में 15 नवीन अस्थायी कैंप और विशेष सहयोगी दस्ता के 882 पद स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुनर्वास के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले वर्ष 46 एकल सुविधा केंद्र खोले गए। इन केंद्रों के माध्यम से रोजगार, वन अधिकार पत्र और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने शहीद आशीष शर्मा की वीरता को नमन करते हुए कहा कि कर्तव्यपथ में उत्कृष्टता से कार्य करने वाले 328 हॉक फोर्स सहित पुलिस अधिकारियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो कानून की राह अपनाते हैं, उनकी पुनर्वास की चिंता सरकार की है।
मप्र के डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में एंटी नक्सल अभियान को सशक्त किया गया है। नए कैंप स्थापित किए गए हैं, हॉक फोर्स और पुलिस बल में वृद्धि की गई है। साथ ही अधिकारियों और जवानों को सतत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन कार्रवाइयों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी नक्सल समर्पण लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं और नागरिकों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मध्य प्रदेश पुलिस निर्धारित समय-सीमा में नक्सल मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में परिवहन एवं स्कूल शिक्षा और बालाघाट के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जवान उपस्थित रहे।
इन नक्सलियों ने किया आत्म समर्पण
- 50 वर्षीय सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोढी पुत्र उंग्गा सोढी, निवासी पुलमपाढ थाना गुल्लापल्ली जिला सुकमा, छग (छत्तीसगढ़), इनाम राशि 62 लाख रुपये।
- 42 वर्षीय राकेश ओडी उर्फ मनीष पुत्र समरत ओडी, निवासी ग्राम झंडेपार (बोट्टेकसा) थाना कोरची जिला गडचिरौली (महाराष्ट्र), इनाम राशि 14 लाख रुपये।
- 30 वर्षीय लालसिंह मरावी उर्फ सींगा उर्फ प्रवीण पुत्र भीमा माता ऊंगी, निवासी छोटे गुडरा थाना कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा, (छत्तीसगढ़)), इनाम राशि 14 लाख रुपये।
- 26 वर्षीय शिल्पा नुप्पो पुत्री जोगा माता ..बीमे.., निवासी बुडिया बट्टुम थाना बासीगुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर, (छत्तीसगढ़)), इनाम राशि 14 लाख रुपये।
-26वर्षीय सलीता उर्फ सावित्री अलावा पुत्री लकमु माता चिको, निवासी सीनागेलोर थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर, (छत्तीसगढ़)), इनाम राशि 14 लाख रुपये।
-30वर्षीय नवीन नुप्पो उर्फ हिडमा पुत्र नंगा माता बीमे, निवासी बोडकेल तहसील कोंटा (जगरगुंडा) जिला सुकमा, (छत्तीसगढ़)), इनाम राशि 14 लाख रुपये।
-26 वर्षीय जयशीला उर्फ ललीता ओयम पुत्री समलु माता देवे, निवासी तरैम थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर, (छत्तीसगढ़)), इनाम राशि 14 लाख रुपये।
- 30 वर्षीय विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी पुत्र तकमा माता पीसे, निवासी मडपे दुल्लोड थाना 4 थाना चिंता गुफा जिला सुकमा, (छत्तीसगढ़)), इनाम राशि: 14 लाख रुपये।
- जरिना उर्फ जोगी मुसाक पुत्री अंदल माता कोशी, निवासी मुरंगा थाना गंगलुर जिला बिजापुर, (छत्तीसगढ़)), इनाम राशि 14 लाख रुपये।
- 32वर्षीय समर उर्फ समारू उर्फ राजु अतरम पुत्र सन्नु माता सुमरी, निवासी इंड्री तहसील बैरमगढ जिला बीजापुर, (छत्तीसगढ़)), इनाम राशि 14 लाख रुपये।
उल्लेखनीय है कि विगत एक नवंबर 2025 को भी महाराष्ट्र–मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ (एम.एम.सी.) जोन की एक हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली सुनीता पुत्री बिसरू ओयाम, निवासी गोमवेटा (छत्तीसगढ़) ने शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति पर विश्वास जताते हुए बालाघाट जिले में इंसास राइफल तथा हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था। वह मलाजखंड–दर्रेकसा दलम में एसीएम थी और मध्य प्रदेश, गोंदिया एवं राजनांदगांव डिविजन में सक्रिय थी।
सुनीता पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह मध्य प्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति-2023 के अंतर्गत पहला ऐसा आत्मसमर्पण था। इस प्रकरण ने प्रदेश में नक्सली ढांचे के कमजोर होने के संकेत पहले ही स्पष्ट कर दिए थे। हाल के महीनों में मध्य प्रदेश में सुरक्षा बलों का दबाव लगातार प्रभावी रहा है। महाराष्ट्र–मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन के प्रवक्ता अनंत उर्फ विकास नगपुरे पहले ही अपने दस सशस्त्र साथियों के साथ समर्पण कर चुका है, जिससे इस क्षेत्र में नक्सलियों का आधार और भी कमजोर हुआ है। वर्ष 2025 में अब तक बालाघाट जोन में सुरक्षा बलों ने सर्वाधिक दस हार्डकोर नक्सलियों को मुठभेड़ों में ढेर किया है, जिन पर एक करोड़ 86 लाख रुपये का इनाम घोषित था। प्रदेश पुलिस के बढ़ते दबाव के परिणामस्वरूप हाल ही में एमएमसी जोन के लगभग 17 नक्सली सीमावर्ती राज्यों महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण कर चुके हैं।__________________
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर