अमेरिकी जज ने दक्षिण सूडानी प्रवासियों की निर्वासन सुरक्षा समाप्त करने पर लगाई रोक

 


बोस्टन, 30 दिसंबर (हि.स.)। अमेरिका की एक संघीय अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसके तहत दक्षिण सूडान के सैकड़ों नागरिकों को दी गई निर्वासन से अस्थायी सुरक्षा (टेम्परेरी प्रोटेक्टेड स्टेटस—TPS) समाप्त की जानी थी।

बोस्टन की यूएस डिस्ट्रिक्ट जज एंजेल केली ने मंगलवार को दक्षिण सूडान के कई नागरिकों और एक प्रवासी अधिकार संगठन की आपात याचिका स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि 5 जनवरी के बाद TPS को समाप्त नहीं किया जा सकता। जज केली ने कहा कि यदि अदालत मामले के गुण-दोष पर विचार किए बिना यह नीति लागू होने दी जाती, तो इससे लाभार्थियों का कानूनी दर्जा तुरंत समाप्त हो जाता और उन्हें निर्वासन का सामना करना पड़ सकता था।

यह आदेश चार दक्षिण सूडानी नागरिकों और गैर-लाभकारी संगठन ‘अफ्रीकन कम्युनिटीज टुगेदर’ द्वारा दायर मुकदमे के बाद आया। याचिका में आरोप लगाया गया कि होमलैंड सिक्योरिटी विभाग का फैसला गैरकानूनी है और ऐसे देश में निर्वासन का खतरा पैदा करता है, जो गंभीर मानवीय संकटों से जूझ रहा है।

जज केली, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने नियुक्त किया था, ने प्रशासनिक स्थगन (स्टे) जारी करते हुए नीति को आगे की कानूनी सुनवाई तक निलंबित कर दिया।

दक्षिण सूडान 2011 में स्वतंत्रता के बाद से लगातार हिंसा और अस्थिरता का सामना कर रहा है। 2018 में गृहयुद्ध समाप्त होने के बावजूद देश के कई हिस्सों में संघर्ष जारी है। अमेरिका ने 2011 से दक्षिण सूडान को TPS के तहत सूचीबद्ध किया हुआ है। मुकदमे के अनुसार, लगभग 232 दक्षिण सूडानी नागरिक TPS के लाभार्थी हैं, जबकि 73 के आवेदन लंबित हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय