ट्रंप ने कोलकाता में जन्मे जय भट्टाचार्य पर जताया भरोसा, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का निदेशक नामित किया

 




वाशिंगटन, 27 नवंबर (हि.स.)। संयुक्त राज्य अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोलकाता में जन्मे भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. जय भट्टाचार्य पर भरोसा जताते हुए उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के निदेशक के रूप में नामित किया है। इसके अलावा जैमीसन ग्रीर को अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के रूप में चुना। साथ ही केविन ए. हैसेट को व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय आर्थिक परिषद का निदेशक नियुक्त किया है।द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) संयुक्त राज्य अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान एवं वित्त पोषण संस्थानों में से एक है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. जय भट्टाचार्य एनआईएच प्रमुख होंगे। इसके साथ ही भट्टाचार्य शीर्ष प्रशासनिक पद के लिए नामित होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं।इससे पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने टेस्ला के मालिक एलन मस्क के साथ नवगठित सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी को चुना था। यह एक स्वैच्छिक पद है और इसके लिए अमेरिकी सीनेट से पुष्टि की आवश्यकता नहीं है।ट्रंप ने सोशल मीडिया में घोषणा की, ''मुझे जय भट्टाचार्य एमडी, पीएचडी को एनआईएच के निदेशक के रूप में नामित करके बहुत प्रसन्नता हो रही है। डॉ. भट्टाचार्य रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर राष्ट्र के चिकित्सा अनुसंधान की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे और स्वास्थ्य में सुधार लाने तथा लोगों का जीवन बचाने वाले महत्वपूर्ण खोज को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम करेंगे।''ट्रंप ने दूसरी पोस्ट में कहा कि आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष केविन ए. हैसेट ने 2017 के कर कटौती और रोजगार अधिनियम को पारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ट्रंप ने मंगलवार को वकील और अपने पूर्व अधिकारी जैमीसन ग्रीर को यूएसटीआर के रूप में चुने जाने पर कहा कि ग्रीर उनके पहले कार्यकाल में व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट ई. लाइटहाइजर के स्टाफ प्रमुख के रूप में कार्य कर चुके हैं।

जय भट्टाचार्य का प्रोफाइलजय भट्टाचार्य का जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ। वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए। उन्होंने 1990 के दौर में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ आर्ट्स और फिर मास्टर ऑफ आर्ट्स किया। इसके बाद डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) की डिग्री हासिल की और 2000 में अर्थशास्त्र से पीएचडी की। वो इस समय स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर हैं। साथ ही नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में रिसर्च एसोसिएट के तौर पर काम कर रहे हैं। वो स्टैनफोर्ड में स्वास्थ्य और उम्र से जुड़े जनसांख्यिकी और अर्थशास्त्र केंद्र के निदेशक हैं। उनके शोध स्वास्थ्य के अलावा कमजोर आबादी की बेहतर देखभाल से जुड़े हैं। उनके शोध पत्र अर्थशास्त्र, कानून और स्वास्थ्य जर्नल्स में छपे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद