त्रिवेणी नदी की भयानक दास्तां : 32 साल पहले 42 यात्रियों के साथ नदी में गिरी बस का अब तक नहीं मिला कोई सुराग
काठमांडू, 18 जुलाई (हि.स.)। नेपाल की त्रिवेणी नदी में शुक्रवार को दो यात्री बसों के गिरने का पूरा एक हफ्ता हो गया लेकिन अब तक इन दोनों बसों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। 65 में से अब तक सिर्फ 19 शव ही बरामद किए जा सके हैं। इस नदी को मिस्ट्री रिवर के नाम से भी बुलाया जाता है। यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी बस के त्रिवेणी नदी में डूबने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया। 32 साल पहले 42 यात्रियों के साथ नदी में गिरी बस को भी आज तक नहीं खोजा जा सका है।
नेपाल में इसी तरह की एक और बस दुर्घटना 32 साल पहले हुई थी। सन् 1992 में एक यात्री बस काठमांडू की तरफ आ रही थी। बस में चालक दल सहित कुल 42 यात्री सवार थे। चितवन के पास त्रिवेणी नदी के किनारे घुमावदार रास्तों में बस के चालक को झपकी आ गई और बस अनियंत्रित होकर त्रिवेणी नदी में गिर गई। उस समय भी इस बस को काफी ढूंढा गया लेकिन 32 सालों बाद भी अब तक ना तो बस का कोई टुकड़ा मिला और ना ही एक भी शव मिल पाया।
त्रिवेणी नदी में कई ट्रक, ट्रेक्टर, जीप भी दुर्घटनाग्रस्त हो कर गिरी हैं लेकिन उनमें से एकाध गाड़ियों का अवशेष मिल पाया है या फिर शायद ही कभी सवारी साधन के साथ डूबे यात्रियों का कोई सुराग मिल पाया है। इस बार की बस दुर्घटना में 65 में से अब तक सिर्फ 19 यात्रियों के शव ही मिल पाए हैं। जिनके शव नहीं मिले हैं, उनमें से कई परिवार वालों ने कुश का शव बनाकर उनका अंतिम संस्कार करने की परंपरा निभाई है, क्योंकि अब इनके बचकर आने की बात असंभव ही है।
हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास / सुनीत निगम