सिंगापुर में मानवाधिकारों के नामचीन वकील भारतीय मूल के एम रवि का निधन

 


सिंगापुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। सिंगापुर में मानवाधिकारों के बड़े रक्षक, पूर्व वकील और भारतीय मूल के एम. रवि का 56 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रवि का पूरा नाम रवि मादासामी था। उन्होंने वह ढाई दशक तक अधिक समय तक वकालत की। वह मृत्युदंड की सजा पाए कैदियों की पैरवी के लिए जाने जाते थे।

सिंगापुर के अखबार द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व वकील रवि 24 दिसंबर की सुबह बेहोश पाए गए। पुलिस ने बताया कि उन्हें प्रातकाल 6ः50 बजे टैन टॉक सेंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने कहा, शुरुआती जांच के आधार पर, किसी गड़बड़ी का शक नहीं है। जांच जारी है।

उनके मित्र वकील यूजीन थुरैसिंगम ने रवि के निधन पर शोक जताया है। यूजीन ने कहा कि एम रवि ने अपनी जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना किया। उन्होंने जिन मामलों में बहस की, उनसे सिंगापुर में संवैधानिक कानून को आकार देने में मदद मिली। उनकी कमी हमेशा खलेगी। यूजीन ने कहा कि वह बेहद निडर स्वभाव के थे।

रिपोर्ट के अनुसार रवि ने 1993 में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री लेने के बाद ब्रिटेन में कानून की पढ़ाई की। 1997 में उन्होंने वकालत शुरू की। उन्होंने अपने मुवक्किल मलेशियाई नागरिक गोबी अवेडियन को मौत की सजा से बचाया। गोबी पर 11 दिसंबर, 2014 को वुडलैंड्स चेकपॉइंट पर ड्रग्स के साथ पकड़े जाने के बाद 40.22 ग्राम हेरोइन आयात करने का आरोप लगा था।

रवि के निधन पर इनविक्टस लॉ के जोसेफस टैन ने कहा, आप उनके सभी विवादों के लिए उनसे प्यार कर सकते हैं या नफरत कर सकते हैं, लेकिन आप सिंगापुर में आपराधिक और संवैधानिक कानूनों के न्यायशास्त्र में उनके योगदान से इनकार नहीं कर सकते। टैन ने कहा, रवि को वह प्रैक्टिस शुरू करने से पहले से जानते रहे हैं। वह एक अच्छे दोस्त थे। उनकी बहुत याद आएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद