नेपाल : पेयजल परियोजना में चीनी कंपनी में 673 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का खुलासा

 


-सरकार के तीन पूर्व सचिव सहित 15 सरकारी कर्मचारी और तीन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर

काठमांडू, 18 फरवरी (हि.स.)। चीन की ठेकेदार कंपनी के द्वारा बनाए जा रहे देश के सबसे बड़े पेयजल परियोजना में 673 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार होने की बात कहते हुए अदालत में मुकदमा दायर किया गया है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ बने जांच एजेंसी अख्तियार दुरूपयोग अनुसंधान आयोग के तरफ से रविवार को विशेष अदालत में मेलम्ची पेयजल परियोजना में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत में निर्माण कंपनी के द्वारा 678 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार होने की बात कहते हुए मुकदमा दायर किया गया। इस भ्रष्टाचार को अंजाम देने तथा निर्माण ठेकेदार कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोप में नेपाल सरकार के तीन पूर्व सचिवों सहित 15 सरकारी कर्मचारी को आरोपित बनाया गया है। इसके अलावा निर्माण ठेकेदार कंपनी, परामर्शदाता कंपनी सहित तीन कंपनियों को भी आरोपित बनाया गया है।

अख्तियार के द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक करीब पौने सात अरब रुपये के भ्रष्टाचार के लिए पेयजल मंत्रालय के तीन पूर्व सचिव संजय शर्मा, भीम उपाध्याय व गजेन्द्र ठाकुर को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा पेयजल विकास समिति के बोर्ड सदस्य मुकुन्द प्रसाद पौडेल और रुद्र सिंह तामांग, कार्यकारी निर्देशक घनश्याम भट्टराई, रामचन्द्र देवकोटा और सूर्यराज कंडेल को आरोपी बनाया गया है। इनमें रूद्र सिंह तामांग इस समय नेपाल इमीग्रेशन के महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। अख्तियार के तरफ से दायर किए गए इन सभी को दस दस साल सजा की मांग करते हुए जुर्माना लगाने की भी मांग की गई है।

अख्तियार के तरफ से जो चार्जशीट दायर की गई है, उसमें चाइनीज निर्माण कंपनी सिनो हाइड्रो लिमिटेड, पूर्व निर्माण कंपनी सीएमसी दी रावेन, इटली, परामर्शदाता कंपनी इप्तिसा बीइटीएस कन्सलटिंग सर्विस को भी आरोपी बनाया गया है। इन सभी पर आरोप गै कि इस परियोजना में जो काम नहीं हुआ है उसका भी बिल भुगतान किया गया है। इतना ही नहीं कोरोना के दो वर्षों तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं हुआ लेकिन उस दौरान भी काम होने का फर्जी बिल दिखा कर करोड़ों रुपये का भुगतान लेने की बात चार्जशीट में उल्लेख है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास/आकाश