मछिन्द्रनाथ यात्रा के मद्देनजर राजधानी काठमांडू में रविवार को अवकाश की घोषणा

 




काठमांडू, 02 अगस्त (हि.स.)। नेपाल सरकार ने रविवार को मछिन्द्रनाथ यात्रा के मद्देनजर राजधानी काठमांडू में अवकाश की घोषणा की है। रविवार को भोटो यात्रा करने के बाद मछिन्द्रनाथ को रथ से उतारकर सम्मान के साथ बुंगमती ले जाया जाएगा। इस भोटो यात्रा में नागलोक से प्राप्त रत्नों, माणिकों आदि से जड़ित प्राचीन भोटो को दिखाने की परम्परा है। राजतंत्र के समय इस तरह के सांस्कृतिक यात्रा में राजा की सहभागिता होती थी लेकिन आजकल राष्ट्रपति इस प्राचीन परम्परा का निर्वहन करते हैं।

काठमांडू में 'रातो मछिन्द्रनाथ रथ यात्रा' में लाखों लोगों लोगों की सहभागिता रही। ललितपुर के पाटन से जावलाखेल तक हुए इस रथयात्रा को बाजे गाजे और पारंपरिक नृत्य सहित लाखों लोगों की सहभागिता में भव्य तरीके से पूरा किया गया। परंपरा के अनुसार जब सूर्य दक्षिणायन होता है तो रातो मछिन्द्रनाथ के रथ को 6 महीने के लिए पाटन से बुंगमती में रखा जाता है। जब सूर्य उत्तरायण होता है तो 6 महीने के लिए इसे पाटन में रखने की परम्परा है। उसी परंपरा के तहत इस बार पाटन से रथ खींचकर जवालाखेल लाया गया है, जहां से इसको बुंगमती तक ले जाया जाएगा।

इस मछिन्द्रनाथ रथ यात्रा में ललितपुर की जीवित देवी कुमारी और ललितपुर के 17वीं शताब्दी के राजा सिद्धिनार सिंह मल्ल की ऐतिहासिक खड्ग को भी राजकीय सम्मान के साथ समारोह स्थल पर लाया गया। नेपाल की जीवित देवी कुमारी को इसी तरह के सांस्कृतिक समारोह के दौरान ही बाहर आम लोगों के दर्शन के लिए बाहर लाया जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास / सुनीत निगम