सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री सुशीला ने शांतिपूर्ण चुनाव कराने की प्रतिबद्धता दोहराई
काठमांडू, 05 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने सर्वदलीय बैठक में प्रतिनिधि सभा का चुनाव 5 मार्च 2026 को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में कराने की अपनी प्रतिबद्धता पुनः स्पष्ट की।
शुक्रवार को बालुवाटार स्थित प्रधानमंत्री आवास में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव की तिथि स्थगित नहीं होगी। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग, सुरक्षा निकाय तथा चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी सरकारी संस्थान पूरी तरह तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि चुनाव होगा या नहीं—हमें सोचना चाहिए कि इसे सफल कैसे बनाया जाए। यदि सभी 126 दल अपने संकल्प में एकजुट रहें, तो कोई भी चुनाव में बाधा नहीं डाल सकता। जब जनता—जो सुरक्षा की पहली पंक्ति है—मजबूती से खड़ी होती है और पुलिस, सशस्त्र बल व पूर्व सुरक्षाकर्मी साथ होते हैं, तब असामाजिक तत्व हमला नहीं कर सकते।”
प्रधानमंत्री कार्की ने जोर देते हुए कहा कि चुनाव ही आगे बढ़ने का एकमात्र मार्ग है। उन्होंने कहा, “हम जेन-जी आंदोलन से निकले हैं, लेकिन हम राजनीतिक दलों के विरोधी नहीं हैं। राजनीतिक दलों को मजबूत और वैध बनाने के लिए चुनाव अनिवार्य हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि निर्वाचन आयोग और सुरक्षा एजेन्सियां, जिनमें नेपाली सेना और नेपाल पुलिस शामिल हैं, चुनाव तैयारी में सक्रिय रूप से जुटी हुई हैं।
प्रधानमंत्री कार्की के अनुसार बैठक में उपस्थित सभी दलों ने चुनाव में भाग लेने की अपनी तत्परता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि आज की बैठक अब तक की सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक है। कुछ आरक्षणों के बावजूद सभी इस बात पर सहमत थे कि चुनाव अवश्य होने चाहिए।”
8 और 9 सितम्बर की घटनाओं को याद करते हुए उन्होंने राजनीतिक शक्तियों से एकजुट होकर आगे का मार्ग बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “क्या हुआ और क्यों हुआ। इसका विश्लेषण समय करेगा, लेकिन उस घटना ने राष्ट्रीय जीवन में बड़े परिवर्तन लाए। पूर्व की शक्तिशाली और निर्वाचित सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही।”
उन्होंने बताया कि वर्तमान अंतरिम सरकार युवाओं के आंदोलन की पृष्ठभूमि में बनी है। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि यदि उस समय अदालत ने अंतरिम आदेश जारी किया होता तो स्थिति भिन्न हो सकती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राजनीतिक दलों, निर्वाचन आयोग, सुरक्षा निकायों और नागरिक समाज के साथ लगातार संवाद कर रही हैं ताकि शंकाओं का समाधान हो सके। उनके अनुसार, “हम सभी का देश के प्रति दायित्व है। राष्ट्र को जेन-जी आंदोलन से उठे आकांक्षाओं के अनुरूप आगे बढ़ने का मार्ग खोजने की आवश्यकता है।”
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास