नेकपा एमाले की अध्यक्षता के लिए ओली फिर करेंगे दावा, ईश्वर पोखरेल देंगे चुनौती

 




काठमांडू, 13 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के आज से शुरू हो रहे 11वें महाधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष केपी शर्मा ओली के पुन: अध्यक्ष पद पर दावा करने की संभावना है और ऐसा होने पर पार्टी के उपाध्यक्ष रहे ईश्वर पोखरेल ने उनको चुनौती देने के लिए कमर कस ली है।

महाधिवेशन 15 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें देशभर से 2,262 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। पार्टी का नया नेतृत्व चुनने के लिए बंद सत्र रविवार से काठमांडू के भृकुटीमंडप में शुरू होगा।

पार्टी के 11वें महाधिवेशन के अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर 11 पार्टी ध्वज लगाए जाएंगे। इनमें से 10 झंडे कार्यक्रम की शुरुआत में फहराए जाएंगे, जबकि एक झंडा दूरस्थ माध्यम से फहराया जाएगा। यह जानकारी यूएमएल के प्रचार-प्रसार एवं प्रकाशन विभाग के प्रमुख राजेंद्र गौतम ने दी।

महाधिवेशन में नेतृत्व चयन दूसरे विधान महाधिवेशन (5 से 7 सितंबर) में पारित विधान और नीति के अनुसार किया जाएगा। पार्टी अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर पोखरेल के बीच शीर्ष पद के लिए मुकाबला होने की संभावना है। दोनों पक्षों द्वारा 15 सदस्यीय पदाधिकारी पैनल के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है।

शुक्रवार को हुई पार्टी की केंद्रीय सचिवालय बैठक में चुनाव प्रक्रिया, बंद सत्र की कार्यप्रणाली और नेतृत्व गठन के आधार को अंतिम रूप दिया गया। यूएमएल के उपमहासचिव प्रदीप ज्ञवाली के अनुसार, बैठक में विधान महाधिवेशन द्वारा स्वीकृत संरचना के अनुरूप 251 सदस्यीय केंद्रीय समिति और 15 पदाधिकारियों के चुनाव का निर्णय लिया गया।

पार्टी नेताओं का दावा है कि महाधिवेशन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उद्घाटन सत्र में करीब 3 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। उद्घाटन समारोह में नेपाल की विविध कला, संस्कृति और राष्ट्रीय एकता को दर्शाने वाली 200 से अधिक सांस्कृतिक झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी। उद्घाटन समारोह में 16 राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेरबहादुर देउबा और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ भी शामिल हैं।

महाधिवेशन को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए पार्टी के 24 जनसंगठनों से 500 से अधिक स्वयंसेवकों को वर्दी में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, सेवाओं के संचालन और व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग 10,000 प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को भी तैनात किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास