नेपाल के उपग्रह प्रक्षेपण के लिए भारत के साथ समझौता
काठमांडू , 10 अगस्त (हि.स.)। भारत और नेपाल के बीच अंतरिक्ष सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है। भारतीय विदेश मंत्रालय और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड ने नेपाल द्वारा निर्मित नैनो सेटेलाइट मुनाल के प्रक्षेपण के लिए अनुदान सहायता प्रदान करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस सहयोग को दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ती साझेदारी में एक बड़े मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है।
नेपाल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनएएसटी) के मार्गदर्शन में नेपाल में विकसित मुनाल उपग्रह को एनएसआईएल के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) पर नि:शुल्क लॉन्च किया जाएगा, जो नेपाल की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए भारत के समर्थन को रेखांकित करता है।
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की नेपाल यात्रा के दौरान 4 जनवरी, 2024 को एनएसआईएल और एनएएसटी के बीच मुनाल उपग्रह के लिए लॉन्च करने के लिए एक सहमति बनी थी। इस समझदारी के तहत भारत ने नेपाल के अंतरिक्ष प्रक्षेपण कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग करने के अपने वादे के तहत आज समझौते पर हस्ताक्षर किया जिससे दोनों देशों के बीच के संबंध और मजबूत हुए हैं।
मुनाल उपग्रह नेपाली छात्रों और नेपाली स्टार्टअप स्पेस फाउंडेशन के बीच सहयोग का एक उत्पाद है, जो नेपाल के अंतरिक्ष क्षेत्र में उभरती नवीन भावना और तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है। इस अवसर पर मौजूद रहे दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास के कार्यवाहक राजदूत डा सुरेन्द्र थापा ने कहा कि उपग्रह का प्रक्षेपण के लिए भारत का सहयोग नेपाल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में देश की बढ़ती क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि इस विकास से न केवल नेपाल की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को बल्कि भारत और नेपाल के बीच समग्र संबंधों को भी मजबूत होने की उम्मीद है। नेपाल अन्तरिक्ष प्रतिष्ठान के संस्थापक डा आभाष मास्के ने कहा कि मुनाल उपग्रह का मिशन विभिन्न अनुसंधान और विकास पहलों में योगदान देगा, जिससे भविष्य में अंतरिक्ष प्रयासों में सहयोग करने के लिए दोनों देशों की क्षमता बढ़ेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास / प्रभात मिश्रा