नेपाल में केसीनो के नाम पर फर्जी आधार कार्ड का खेल, विराटनगर में 20 नेपाली नागरिक गिरफ्तार

 


विराटनगर (नेपाल), 22 दिसम्बर (हि.स.)। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में सुरक्षा और अपराध से जुड़े मामलों के बीच नेपाल पुलिस ने विराटनगर के बिग होटल और रत्ना होटल में संचालित केसीनो पर छापेमारी कर फर्जी भारतीय आधार कार्ड के इस्तेमाल का बड़ा खुलासा किया है। इस संयुक्त कार्रवाई में मोरंग जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने 20 नेपाली नागरिकों को गिरफ्तार किया है।

मोरंग के पुलिस अधीक्षक कोवित कटुवाल के अनुसार, गिरफ्तार लोगों में केसीनो के उच्च पदस्थ कर्मचारी जेनजी अगुवा भी शामिल हैं। वहीं सहायक प्रमुख जिला अधिकारी सरोज कोइराला ने बताया कि छापेमारी के दौरान यह पुष्टि हुई कि कई नेपाली नागरिक भारतीय नागरिक बनकर केसीनो में प्रवेश कर रहे थे। हालांकि, डबल वेरीफिकेशन प्रक्रिया में उनके पास मौजूद असली एटीएम कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस से फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।

जानकारों के अनुसार, भारतीय नागरिकों को केसीनो की ओर आकर्षित करने के लिए संचालकों ने भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों जोगबनी, फारबिसगंज, अररिया और पूर्णिया में एजेंट तैनात कर रखे थे। ये एजेंट मोबाइल नंबर उपलब्ध कराकर केसीनो में काम करने वाली महिलाओं से वीडियो कॉल पर बातचीत कराते थे, जिससे लोग जुए की लत में फंसते चले जाते थे। इस लत के कारण कई भारतीय और नेपाली परिवार आर्थिक संकट और भारी कर्ज में डूब गए, जबकि कुछ को अपना घर और व्यवसाय बेचकर पलायन तक करना पड़ा।

मोरंग जिला प्रशासन ने बताया कि रत्ना होटल में संचालित सम्राट क्यासिनो प्रा.लि. और बिग होटल में संचालित चैंपियन जोन के संचालक राजनीतिक दलों से जुड़े बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार व्यक्तियों में रामकृष्ण गौतम (45 वर्ष), केसीनो निदेशक, हरी भट्ट, सुरेन्द्र बहादुर चन्द, खेम श्रेष्ठ, मेदनी शिवाकोटी, साजन साह सहित अन्य कर्मचारी शामिल हैं।

इसके अलावे लोकेन्द्र बहादुर बस्नेत, पवन गोस्वामी, कृष्ण कुमार कुर्मी, बबिक कुमार मण्डल, राज लामा, रुपेश दहाल, आदेश, मो. जाकिर हुसैन तेजराज गिरी, घनश्याम शर्मा, सुरज राय, सन्तोष बस्नेत, प्रमोद घिमिरे, रोशन गिरी की गिरफ़्तारी हुई है।

सहायक जिला अधिकारी सरोज कोइराला ने कहा कि यह कार्रवाई सीमा पार अपराध, फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल और केसीनो से जुड़ी आर्थिक लूट पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने बताया कि सभी गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में केसीनो, फर्जी पहचान पत्र और संगठित गिरोहों की सक्रियता की गंभीर समस्या को उजागर करता है। प्रशासन का दावा है कि इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल अपराध पर लगाम लगेगी, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर