इजराइल की थल सेना उत्तरी गाजा में घुसी, हमास की 150 सुरंगें और बंकर ध्वस्त, लेबनान को बेरूत एयरपोर्ट पर हमले की आशंका

 




तेल अवीव/यरुशलम/बेरूत, 28 अक्टूबर (हि.स.)। फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास और इजराइल के बीच छिड़ी जंग खतरनाक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। इजराइल ने गाजा पट्टी पर दुनिया के जमीनी हमला न शुरू करने की अपील और कुछ देशों की चेतावनी की परवाह न करते हुए कदम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। रातभर हवाई हमलों के बाद युद्ध के 22वें दिन शनिवार को इजराइल की थल सेना साजो-सामान के साथ उत्तरी गाजा में प्रवेश कर गई। मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है।

इजराइली सेना के मुख्य सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बताया कि थल सेना ने टैंकों के साथ उत्तरी गाजा में प्रवेश कर लिया है। युद्धक विमानों ने रात को गाजा पट्टी में हमलाकर हमास की 150 सुरंगों और बंकरों को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा कि लेबनान की तरफ से उनके सैन्य ड्रोन को निशाना बनाते हुए मिसाइल दागी गई। हमारे सुरक्षाबलों ने मिसाइल हमले को निष्प्रभावी कर दिया। हगारी ने कहा कि गाजा के आसपास के कस्बों में खतरे के सायरन बजाकर हमास के ठिकानों पर आज रॉकेट दागे गए हैं। सबसे ज्यादा रॉकेट मैगन कस्बे में दागे गए। इस दौरान इजराइल की सीमा में घुस रहे हमास के नौसैनिक कमांडर को ढेर कर दिया गया।

मुख्य सैन्य प्रवक्ता हगारी ने कहा कि इजराइली थल सेना गाजा में चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है। अभी तक उनका कोई भी सैनिक हताहत नहीं हुआ है। इस दौरान हमास को भारी क्षति हुई है।

अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लेबनान के अधिकारियों ने शनिवार को बेरूत रफीक हरीरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और आसपास के क्षेत्र के लिए चेतावनी जारी की है। चेतावनी में कहा गया है कि जल्द से जल्द इसे खाली कर दिया जाए। यह चेतावनी हाल ही में इजराइल की सेना और हिजबुल्लाह के आतंकवादियों के बीच हुई गोलीबारी के बाद जारी की गई है। चेतावनी में यह भी कहा गया है कि हिजबुल्लाह ने 2006 में दो इजराइली सैनिकों को पकड़ लिया था। इसके बाद इजराइल ने इस हवाई अड्डे के रन-वे पर एयर स्ट्राइक की थी। इस बार भी वह कभी भी एयर स्ट्राइक कर सकता है।

इस बीच कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली के साथ इस युद्ध पर टेलीफोनिक चर्चा की है। शेख मोहम्मद ने कहा है कि कतर किसी भी बहाने से सामूहिक सजा को अस्वीकार्य करता है।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद/पवन