भारतीय नागरिकों के थे नेपाल के जंगल में मिले दो शव, दोहरे हत्याकांड का खुलासा

 




काठमांडू, 09 जनवरी (हि.स.)। नेपाल के जंगल में करीब डेढ़ माह पहले मिले दो शवों की पहचान भारतीय नागरिकों के रूप में हुई है। पुलिस ने हत्या का कारण आपसी रंजिश बताया है। बिहार पुलिस के सहयोग से नेपाल पुलिस ने डेढ़ महीने से अनसुलझे इस हत्याकांड का खुलासा करके मृतकों के भारतीय परिजनों को जानकारी भी दे दी है।

दरअसल, पिछले वर्ष 22 नवम्बर में नेपाल के चितवन जिला के जंगल के बीच एक पुल के नीचे बोरियों में बांध कर फेंके गए अज्ञात महिला और युवक के शव बरामद हुए थे। दोनों शवों की पहचान के लिए पुलिस ने देशभर में फोटो जारी की और कई इश्तहार दिए, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी ना तो किसी ने उन दोनों शवों की पहचान की और ना ही नेपाल के किसी जिले में दोनों लोगों के लापता होने की शिकायत ही दर्ज मिली।

नेपाल पुलिस के अनुसार बोरी के भीतर लाश के ना सिर्फ हाथ पैर बंधे थे, बल्कि मुंह पर टेप भी लगा था। साथ ही दोनों शवों के गले पर कटे का निशान भी था। इन दोनों शवों को देखकर पुलिस को इतना अंदाजा तो हो गया था कि दोनों की हत्या की गई है और दोनों शवों में आपसी कोई संबंध है। पहले तो पुलिस को यह ऑनर किलिंग का मामला लगा या फिर किडनैप कर हत्या किए जाने की आशंका हुई। जब एक महीने बाद तक कोई सुराग नहीं मिला तो नेपाल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सीमावर्ती बिहार पुलिस से समन्वय किया।

नेपाल के पुलिस प्रवक्ता डीआईजी कुबेर कडायत ने बताया कि बिहार पुलिस ने जैसे ही दोनों शवों की फोटो को नेपाल से लगे सभी सीमावर्ती जिलों में भेजा तो ना सिर्फ शवों की पहचान हुई, बल्कि हत्या के कारणों का भी पता लग गया। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस के सहयोग से डेढ़ महीने पहले जंगल में मिले महिला के शव की पहचान पूर्वी चम्पारण जिला सुगौली सुगांवडीह निवासी 30 वर्षीया अस्मिता उर्फ संजू देवी के रूप में हुई है। इसी तरह युवक शव की पहचान पूर्वी चम्पारण सुगौली फुलवारी के 19 वर्षीय ऋषभ कुशवाहा के रूप में हुई है। इन दोनों की हत्या अस्मिता के पति अखिलेश भगत ने की थी। हत्याकांड का खुलासा होने के बाद बिहार पुलिस ने अखिलेश भगत को गिरफ्तार कर लिया है।

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि अखिलेश भगत अपनी पत्नी अस्मिता और अपने भतीजे ऋषि के साथ नेपाल के चितवन में घूमने के लिए गए और वहां किराए का मकान लेकर रहने लगे। अस्मिता और ऋषभ का फलों के व्यापार के सिलसिले में पहले भी चितवन आना-जाना लगा रहता था। अखिलेश ने पूछताछ में कबूल किया है कि उसने पत्नी और भतीजे के बीच अवैध संबंध की आशंका में दोनों की हत्या कर दी थी। इसके बाद उनके शव बारी-बारी से साइकिल पर रखकर जंगल में पुल के नीचे फेंक आया था।

डीआईजी कडायत ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से भी पता चला कि जिस जगह पर अस्मिता और ऋषभ रहते थे, वहां 18 नवम्बर की रात को करीब 12:45 बजे अखिलेश साइकिल पर रखकर बोरा ले जा रहा है। उसके ठीक एक घंटे के बाद दोबारा एक बोरा करीब 1:35 के आसपास ले जाते हुए देखा गया। 18 नवम्बर को हत्या करने के बाद दोनों शव चार दिन बाद 22 नवम्बर को बरामद हुए थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बताया कि अखिलेश भगत हत्या और शव बरामदगी के दस दिन के बाद यानि 1 दिसम्बर को चितवन से बाहर निकला।

नेपाल पुलिस ने सभी सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य सबूत और दस्तावेज बिहार पुलिस को सौंप दिए, जिसके बाद वह मोतिहारी से 1 जनवरी की रात को गिरफ्त में आया। मोतिहारी पुलिस और नेपाल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कई दिनों तक उससे पूछताछ करने के बाद सोमवार को इस दोहरे हत्याकांड के बारे में जानकारी सार्वजनिक की।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास/सुनीत