डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद के उम्मीवार घोषित

 


न्यूयार्क, 16 जुलाई (हि.स.) । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड

ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी ने एक बार फिर से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित

किया है। मिल्बाउकी में हुए रिपब्लिकन पार्टी के अधिवेशन में एक के बाद एक राज्य

ने ट्रंप के नाम का समर्थन किया। अधिकांश डेलीगेट्स ट्रंप के नाम की तख्ती लेकर

उनके नाम का समर्थन कर रहे थे और पूरा सभागार ट्रंप-ट्रंप से गूज रहा था। इसके साथ

ही पार्टी में ट्रंप के प्रतिद्वंदी ओहियो के सीनेटर और राष्ट्रपति पद के लिए

कोशिश कर रहे जेडी वैंन्स को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भी घोषित किया गया है।

डोनाल्ड ट्रंप 1996 से लेकर 2020 तक अमेरिका

के राष्ट्रपति रह चुके हैं। 2020 में वे डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन के मुकाबले

हार गए थे। हांलाकि तब भी उन्होंने हार स्वीकार नहीं की थी और व्हाइट हाउस खाली

करने से पहले वहां जुटे ट्रंप समर्थकों ने हिंसक उपद्रव भी कर दिया था। राष्ट्रपति

पद से हटने के बाद पिछले 4 सालों में उनके ऊपर अनेक प्रकार के मुकदमे भी दर्ज

हुए, जिसमें सीक्रेट पेपर्स की चोरी से लेकर अवैध संबंधों के चलते एक महिला को

पैसे देने का मामला भी चला और सजा भी हुई। इन सबके बावजूद ट्रंप को उम्मीदवारी से रोका

न जा सका। दो दिन पूर्व ही ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ और एक गोली उनके कान को

छेदते हुए निकल गई।

इस सबके बावजूद अमेरिका में ट्रंप की

लोकप्रियता तेजी से बढ़ती जा रही है। इस साल नवंबर माह में होने वाले अमेरिकी

राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन ट्रंप का मुकाबला एक बार फिर से डेमोक्रेट

पार्टी के जो बाइडेन से हो सकता है। हांलाकि बढ़ती उम्र और उससे जनित लक्ष्णों के

चलते जो बाइडेन की उम्मीदवारी पर संशय बना हुआ है और चर्चा यह भी है कि वर्तमान उप

राष्ट्रपति कमला हैरिस भी डेमोक्रेट पार्टी की ओर से उम्मीदवार हो सकती हैं।

जहां तक डोनाल्ड ट्रंप का सवाल है तो

पिछले तीन सालों में लगातार संकटों और नकारात्मक चर्चाओं के केन्द्र में बने रहने

के बावजूद उन्होंने संघर्ष जारी रखा और राष्ट्रपति चुनाव आने तक वातावरण उनके

अनुकूल बनता दिख रहा है। सोमवार को मिल्बाउकी में उनके उम्मीदवारी पर मुहर लगने से

पूर्व ही उनके लिए एक और अच्छी खबर आयी। फेडरेल कोर्ट के एक जज ने उन्हें सीक्रेट

पेपर्स की चोरी के मामले में दी गई सजा को रद्द कर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी / दधिबल यादव