चार चीनी नागरिकों को नेपाली नागरिकता देने के आरोप में चार सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार

 




काठमांडू, 25 सितंबर (हि.स.)। नेपाली नागरिकों को देश का नागरिकता प्रमाण पत्र पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। अभी भी नेपाल में लाखों ऐसे लोग हैं, जिन्हें नागरिकता प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। ऐसे में चीनी नागरिक को घर बैठे नेपाल की नागरिकता मिलने का खुलासा हुआ है। चार लाख रुपये रिश्वत लेकर चीनी नागरिक को नेपाली नागरिकता देने के आरोप में चार सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।

इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब मंगलवार को काठमांडू पुलिस ने अवैध रूप से चल रहे जुए के अड्डे से सात लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार सात लोगों में से चार चीनी नागरिकों के पास से नेपाल का नागरिकता प्रमाण पत्र मिला। पुलिस को जब इन लोगों पर शंका हुई तो जांच को आगे बढ़ाया गया। पुलिस की जांच में मालूम चला कि यह चीन के नागरिक पिछले दो साल से अवैध रूप से नेपाल में रह रहे हैं। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी दान बहादुर कार्की ने बुधवार को बताया कि गिरफ्तार चीनी नागरिकों में वुई चूमलिंग, दसंग ली, सोनम तमांग और नर्बू समदेन हैं। पुलिस ने बताया कि इनमें तमांग और समदेन दोनों ही तिब्बत के ल्हासा के रहने वाले हैं, जिन्हें टूटी-फूटी नेपाली भाषा बोलना आता है।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इन सभी ने नेपाली नागरिकता हासिल करने के लिए चार-चार लाख रुपये रिश्वत दी है। इनको नेपाली नागरिकता का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए जिला प्रशासन के दफ्तर भी जाने की जरूरत नहीं पड़ी और घर बैठे ही इनका बायो मैट्रिक करवा दिया गया था, जबकि नेपाल में नागरिकता हासिल करने के लिए आम लोगों को जिला प्रशासन के दफ्तर में जाना ही पड़ता है। प्रवक्ता ने बताया कि चीनी नागरिकों को नेपाली नागरिकता दिलाने के आरोप में सिंधुपालचोक जिला प्रशासन में कार्यरत मदन बहादुर तामाङ, रामेश्वर रिमाल, छिरिङ ढुन्डुप और छिरिङ वाङ्दिन को गिरफ्तार किया है।

अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन चार चीनी नागरिकों के अलावा और कितने और लोगों को सिंधुपालचोक जिला प्रशासन से फर्जी रूप से नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया गया है। गिरफ्तार किए गए सभी सरकारी कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने यह भी बताया है कि पकड़े गए चीनी नागरिकों ने नेपाली नागरिकता हासिल करने के बाद अब पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन किया हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास