हिंसाग्रस्त बलोचिस्तान में इस वर्ष मारे गए 248 लोग और 205 सैनिक
क्वेटा, 23 दिसंबर (हि.स.)। आजादी की मांग से गूंजायमान पाकिस्तान का अशांत प्रांत बलोचिस्तान इस साल भी हिंसा की लपटों में झुलसता रहा। 2025 में बलूचिस्तान में हमलों, बम धमाकों और हथियारबंद घटनाओं में कम से कम 248 आम नागरिक और 205 पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मी मारे गए। यह साल बलूचिस्तान के सबसे हिंसक वर्षों में से एक बन गया।
द बलोचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 बलूचिस्तान में कानून-व्यवस्था के लिए एक और मुश्किल और खूनखराबे वाला साल साबित हुआ। सुरक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल के दौरान बलूचिस्तान में कुल 432 घटनाएं दर्ज की गईं। पूरे प्रांत में डर का माहौल रहा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में 248 आम नागरिकों और 205 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई। इन घटनाओं ने रोजमर्रा की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया और बलोचिस्तान में समग्र सुरक्षा स्थिति के बारे में गंभीर सवाल खड़े किए।
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल क्वेटा, मस्तुंग, खुजदार, तुरबत और नोकुंडी में छह आत्मघाती बम धमाके किए गए। 11 मार्च को बलोच आजादी समर्थक समूहों ने बोलन इलाके में जाफर एक्सप्रेस पर हमला किया। इससे पहले 18 फरवरी को बरखान में सात लोग मारे गए। 15 मई को खुजदार में एक बस पर हमला हुआ, जिसमें छह लोग मारे गए। 30 सितंबर को क्वेटा में फ्रंटियर कॉर्प्स मुख्यालय पर एक आत्मघाती बम धमाके में 12 लोग मारे गए।
दूसरी ओर, बलोचिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि पूरे साल बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रहे। 2025 में पूरे बलूचिस्तान में 78,000 से ज्यादा खुफिया आधारित अभियान चलाए गए। इनमें में बलोच समूहों के 707 सदस्य मारे गए। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि सशस्त्र समूहों और उनके सदस्यों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहे, लेकिन वे यह भी मानते हैं कि बलोचिस्तान में सुरक्षा का बड़ा खतरा है।
अधिकारियों ने 2025 को बलोचिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए एक निराशाजनक साल बताया है। आलोचकों का तर्क है कि बड़ी संख्या में घटनाएं रिपोर्ट नहीं की जाती हैं, जबकि सुरक्षा कर्मियों के बीच हताहतों की संख्या भी कथित तौर पर कम बताई जाती है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद