अनाथ-बेसहारा की कहानी बयां कर गया नाटक 'गदाई'
प्रयागराज, 07 अप्रैल (हि.स.)। जानी मानी नाट्य संस्था, विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान ने रविवार शाम रवीन्द्रालय प्रेक्षागृह में अपनी नई प्रस्तुति 'गदाई' की दमदार प्रस्तुति दी। नाटक के लेखक व निर्देशक अजय मुखर्जी ने पूरे मनोयोग से तिरस्कृत बच्चों की मनोदशा को मंच पर चित्रित किया और दर्शकों ने करतल ध्वनि से इस प्रयास की सराहना की।
गदाई कहानी है ऐसे बच्चों की जो विभिन्न परिस्थितियों में अपनों से बिछड़ जाते हैं या घर छोड़ने पर विवश हो जाते हैं। और उनका ठिकाना बन जाता है रेलवे यार्ड या प्लेटफार्म। अपना दर्द सीने में छुपाये ये यारों-दोस्तों के साथ मस्ती में जीते हैं। हाँ इसके लिए उन्हें कई कठिन और घृणित रास्तों से गुजरना पड़ता है। पुलिस का डण्डा खाना तो इनका नित्य कर्म है। कोई बारात में लाइट उठाता है तो कोई शादियों में वेटर और बर्तन धोने का काम करता है। कोई कबाड़ी है, कोई चोरी भी करता है,भीख भी मांगता है। ...पर क्या इस दशा के लिये सिर्फ़ ये ही ज़िम्मेदार हैं। क्या समाज और परिवार दोषी नहीं हैं? यही अनुत्तरित प्रश्न उठा कर नाटक समाप्त होता है।
इस अनूठे विषय पर प्रस्तुति में मंच पर कलाकार अभिलाष नारायण,आर्यन,हिमान्शु, प्रतीक, शुभम, कृष्णा, आशीष, अनुज, दिग्विजय, उत्कर्ष, निवेदिता दासगुप्ता, मधुरिमा बोस आदि थे। मंच परे प्रकाश एवं मंच सुजॉय घोषाल, संगीत संचालन शुभम वर्मा, रूपसज्जा संजय चौधरी, प्रस्तुतकर्ता आलोक रस्तोगी व आलेख, परिकल्पना एवं निर्देशन अजय मुखर्जी का रहा। नाटक के उपरांत वरिष्ठ रंगकर्मी विपिन शर्मा की स्मृति में 'युवा कलाकार सम्मान' एवं 5000 रुपये की सम्मान राशि से निखिलेश कुमार मौर्य को नवाज़ा गया जो प्रयागराज में सक्रिय रंगकर्म कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश