Raksha Bandhan : भाई को राखी बांधते समय उसमें क्यों लगाई जाती हैं तीन गांठें? जानिए वजह और महत्व

सावन माह पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है और इसका इंतजार हर भाई-बहन को सालभर रहता है। रक्षाबंधन का यह पवित्र त्योहार भाई-बहन के ​मजबूत रिश्ते और प्रेम का प्रतीक है।  इस साल यह त्योहार 30 और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा। क्योंकि सावन की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को शुरू हो रही है और 31 अगस्त को समाप्त होगी, लेकिन 30 अगस्त को सुबह से लेकर रात 9 बजे तक भद्रा का साया रहेगा और इस दिन भाई को राखी नहीं बांधी जाती। इसलिए भाई को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 9 बजे से लेकर 31 अगस्त की सुबह 7 बजे तक रहेगा। 

 

सावन माह पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है और इसका इंतजार हर भाई-बहन को सालभर रहता है। रक्षाबंधन का यह पवित्र त्योहार भाई-बहन के ​मजबूत रिश्ते और प्रेम का प्रतीक है।  इस साल यह त्योहार 30 और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा। क्योंकि सावन की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को शुरू हो रही है और 31 अगस्त को समाप्त होगी, लेकिन 30 अगस्त को सुबह से लेकर रात 9 बजे तक भद्रा का साया रहेगा और इस दिन भाई को राखी नहीं बांधी जाती। इसलिए भाई को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 9 बजे से लेकर 31 अगस्त की सुबह 7 बजे तक रहेगा। 

राखी में क्यों लगाई जाती हैं तीन गांठ?
रक्षाबंधन  के दिन बहन अपने भाई की कलाई में राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। वहीं भाई भी बहन को उसकी रक्षा का वचन देते हैं और उम्रभर साथ निभाने का वादा करते हैं। भाई को राखी बांधते समय इस बात को खास ध्यान रखना चाहिए कि राखी में हमेशा तीन गांठें लगाई जाती हैं।  तीन गांठ लगाए बिना रक्षा सूत्र अधूरा माना जाता है। राखी में तीन गांठ लगाने के पीछे भी एक महत्वपूर्ण वजह छिपी हुई है। 

धार्मिक व सामाजिक मान्यताओं के अनुसार राखी में तीन गांठ लगाना शुभ माना जाता है क्योंकि इसका संबंध त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश से है।  कहा जाता है कि राखी बांधते समय पहली गांठ भाई की लंबी आयु के लिए होती है। जबकि दूसरी गांठ स्वंय की लंबी उम्र के लिए और तीसरी गांठ भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और मिठास लाने के लिए होती है। इसलिए राखी बांधते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उसमें तीन गांठ अवश्य लगाएं।