Chaitra Navratri 2024 : इस बार चैत्र नवरात्रि में किस पर सवार होकर आएंगी माता? जानें जीवन पर क्या पड़ेगा शुभ-अशुभ असर
इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत साल 2024 में 9 अप्रैल मंगलवार से होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस साल प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल की रात लगभग 11 बजकर 51 मिनट से आरंभ हो जाएगी। हालांकि उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल को होगा। नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार को हो रही है इसलिए इस बार माता की सवारी घोड़ा होगा। माता का घोड़े पर सवार होकर आना किस तरह बदलाव लेकर आ सकता है आइए विस्तार से जानें-
इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत साल 2024 में 9 अप्रैल मंगलवार से होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस साल प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल की रात लगभग 11 बजकर 51 मिनट से आरंभ हो जाएगी। हालांकि उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल को होगा। नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार को हो रही है इसलिए इस बार माता की सवारी घोड़ा होगा। माता का घोड़े पर सवार होकर आना किस तरह बदलाव लेकर आ सकता है आइए विस्तार से जानें-
चैत्र नवरात्रि 2024 माता की सवारी
देवी दुर्गा शेर पर सवार होती हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान वार के अनुसार हर बार माता की सवारियां अलग-अलग होती हैं। अगर शनिवार और मंगलवार के दिन नवरात्रि की शुरुआत होती है तो माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं। इसी तरह गुरुवार और शुक्रवार को नवरात्रि का आरंभ होता है तो माता की सवारी डोली होती है। नवरात्रि की शुरुआत बुधवार से होने पर माता दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं। वैसे ही सोमवार और रविवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता हाथी पर सवार होती है। माता की सवारी के अनुसार ही नवसंवत्सर के बारे में अनुमान लगाया जाता है। इस साल 9 अप्रैल से नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही हिंदू नववर्ष 2081 भी शुरू होगा, नवसंवत्सर कैसा रहने वाला है आइए जानते हैं-
माता के घोड़े पर सवार होने का मतलब
चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन मंगलवार होने की वजह से इस बार माता की सवारी घोड़ा होगा। माता का घोड़े पर सवार होकर आना अशुभ संकेत माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब-जब भी माता घोड़े पर सवार होकर आई हैं तो सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। घोड़े को तीव्रता, युद्ध और अशांति आदि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जब भी माता की सवारी घोड़ा होता है तो राजनीतिक स्तर पर हलचल देखने को मिलती है। देश और दुनिया में युद्ध के आसार बन सकते हैं और साथ ही कोई बड़ा राजनीतिक परिवर्तन भी हो सकता है।
माता की सवारी से क्या होंगे बदलाव?
पिछले साल 2023 में भी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से ही हुई थी, जिसके चलते कई दुनियाभर में राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिले थे। ऐसे में माता का घोड़े पर सवार होकर आना प्राकृतिक आपदा की वजह भी बन सकता है। आने वाले समय में कई सामाजिक और राजनीतिक बदलाव मिलने की संभावना है। राजनीतिक उथल-पुथल और प्राकृतिक आपदा के कारण आम नागरिकों को भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।