हयाकांति देवी के दर्शन मात्र से हर बाधा से मिलती है मुक्ति 

वाराणसी में हयाकांति देवी का प्राचीन मंदि‍र डी.52/35, काली मठ, लक्ष्मी कुंड पर स्थित है। लोग लक्सा के जरिए रिक्शा से यहां पहुंच सकते हैं। लक्ष्मी कुंड वाराणसी का एक प्रसिद्ध इलाका है। यहां महालक्ष्मी देवी के पास ही हयाकांति नाम की एक देवी का मंदि‍र है, जो हाथ में दरांती लिए मौजूद हैं।

 

वाराणसी में हयाकांति देवी का प्राचीन मंदि‍र डी.52/35, काली मठ, लक्ष्मी कुंड पर स्थित है। लोग लक्सा के जरिए रिक्शा से यहां पहुंच सकते हैं। लक्ष्मी कुंड वाराणसी का एक प्रसिद्ध इलाका है। यहां महालक्ष्मी देवी के पास ही हयाकांति नाम की एक देवी का मंदि‍र है, जो हाथ में दरांती लिए मौजूद हैं।

मान्‍यता है कि‍ हयाकांति देवी भक्तों के रास्ते में आने वाली बाधाओं को वैसे ही नष्ट कर देती हैं, जैसे पौधे और पेड़ हंसिया से काटे जाते हैं। जो व्यक्ति हयाकांति देवी की पूरी आस्‍था से पूजा करता है, उसके सुगम जीवन की सभी बाधाएं कट जाती हैं।

पूजा के प्रकार
सुबह 05.00 बजे से 11.30 बजे तक और शाम 05.30 बजे तक ये मंदि‍र खुला रहता है। रात 10.00 बजे तक सुबह-शाम आरती होती है। समय में परि‍वर्तन हो सकता है।