साल में एक दिन होता है माता श्रृंगार गौरी का दर्शन, मिलता है ये फल 

काशी खंड, अध्याय 100 में गौरी यात्रा (गौरी मंदिरों की धार्मिक यात्रा) निर्धारित की गई है। यह यात्रा अमावस्या के तृतीया को की जानी है। सौभाग्य गौरी की पूजा के बाद श्रद्धालुओं को श्रृंगार गौरी की पूजा करने की सलाह दी गई हैं। श्रृंगार गौरी की पूजा करने वाले भक्तों को जीवन में हर तरह की सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

 

काशी खंड, अध्याय 100 में गौरी यात्रा (गौरी मंदिरों की धार्मिक यात्रा) निर्धारित की गई है। यह यात्रा अमावस्या के तृतीया को की जानी है। सौभाग्य गौरी की पूजा के बाद श्रद्धालुओं को श्रृंगार गौरी की पूजा करने की सलाह दी गई हैं। श्रृंगार गौरी की पूजा करने वाले भक्तों को जीवन में हर तरह की सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

श्रृंगार गौरी का स्थान
यह गौरी ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे स्थित हैं और दर्शन की अनुमति साल में केवल एक दिन होती है। हालांकि, भक्त अन्नपूर्णा देवी के रूप में चिह्नित विश्वनाथ (विश्वेश्वर) मंदिर परिसर में इस देवता की पूजा करते हैं। कृपया स्थान तक पहुँचने के दिशा-निर्देशों के संबंध में विश्वेश्वर मंदिर से नि‍यमों की जानकारी हासि‍ल कर लें।