एमपी के इंदौर में स्थित है 'खजराना गणेश मंदिर', जाने क्या है इसकी खासियत
सनातन धर्म में श्रीगणेश को प्रथमपूज्य देव माना जाता है। वहीं आदि पंच देवों में भी इनका नाम आता है। ज्योतिष में गजानन को मुख्य रूप से बुद्धि का कारक माना गया है।हिंदू धर्म में धार्मिक अनुष्ठानों व पूजा-अर्चना से पहले भगवान गणेश का पूजन करने का विधान है। माना जाता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों से प्रसन्न हो कर उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
सनातन धर्म में श्रीगणेश को प्रथमपूज्य देव माना जाता है। वहीं,आदि पंच देवों में भी इनका नाम आता है। ज्योतिष में गजानन को मुख्य रूप से बुद्धि का कारक माना गया है।हिंदू धर्म में धार्मिक अनुष्ठानों व पूजा-अर्चना से पहले भगवान गणेश का पूजन करने का विधान है। माना जाता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों से प्रसन्न हो कर उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
आपको बता दें कि प्रथम पूज्य श्री गणेश के पूरे भारत में कई मंदिर मौजूद हैं। आज हम आपको एक ऐसे गणेश मंदिर के बारे में बता रहे है, जिसके जैसा पूरी दुनिया में कोई दूसरा गणेश मंदिर नहीं है। इनके बारे में माना जाता है कि भगवान गणेश के इस मंदिर में आकर सच्चे मन से मन्नत मांगने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।
जी हां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थिति खजराना गणेश मंदिर की। एक ऐसा मंदिर जिसके जैसा पूरे विश्व में दूसरा कोई मंदिर नहीं है। यह इसलिए कि यहां केवल ‘सिंदूर से भगवान गणेश की मूर्ति’बनी है।
दरअसल ‘खजराना गणेश मंदिर’ भगवान गणेश को समर्पित है। इस प्राचीन मंदिर का निर्माण 1735 में महारानी अहिल्याबाई द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति अन्य मूर्तियों से अलग है। इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति केवल सिंदूर से बनी हुई है। यह प्राचीन मंदिर इंदौर शहर के विजयनगर क्षेत्र में खजराना चौक पर स्थित है।
मंदिर की कथा
इस मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति के संबंध में मान्यता है कि इसके सबसे पहले दर्शन एक पंडित को हुए थे। यह मूर्ति उस पंडित को स्वप्न में दिखाई दी थी। इसके बाद इस क्षेत्र की रानी अहिल्या बाई ने खुदाई का काम शुरू करवाया। खुदाई करने के बाद सच में भगवान गणेश की एक मूर्ति प्राप्त हुई। इस प्राचीन मूर्ति को मंदिर में स्थापित कर दिया गया। यह भी कहा जाता है कि जिस स्थान से खुदाई करने पर यह मूर्ति मिली थी वहां आज भी एक जलकुंड बना हुआ है।
अमीर मंदिरों में
बेहद प्राचीन मंदिर होने के कारण यहां रोज भक्त लंबी कतार में खड़े होकर भगवान गणेश के दर्शनों के लिए इंतजार करते हैं। इस मंदिर में आने वाले भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार दान देते हैं। साथ ही इस मंदिर की कमेटी द्वारा भक्तों को ऑनलाइन दान देने की सुविधा भी प्रदान की गई है। इस मंदिर में दिए जाने वाले दान की राशि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए आते हैं।
मन्नत होती है पूरी
भगवान गणेश के दर्शन करने इस मंदिर में श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत जरूर पूरी होती है। मान्यता है कि इस मंदिर में मन्नत मांगने आए भक्त भगवान गणेश की प्रतिमा की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक चिह्न बनाते हैं और मन्नत पूरी होने पर दोबारा यहां आकर सीधा स्वास्तिक चिह्न बनाते हैं।इसके बाद भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। वैसे तो रोजाना इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन बुधवार के दिन खजराना मंदिर में भव्य समागम आयोजित किया जाता है जिसमें भक्त बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
अन्य देवी-देवताओं के भी दर्शन
इस मंदिर में भगवान गणेश के साथ ही अन्य देवी-देवताओं के दर्शन भी होते हैं। इस मंदिर में मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, मां गंगा, भगवान शिव, भगवान राम व माता सीता और हनुमान जी के साथ ही भगवान शनिदेव की भी पूजा-अर्चना की जाती है। जानकारी के मुताबिक रोजाना 10,000 से भी अधिक भक्त भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
ऐसे पहुंचें यहां
भगवान गणेश को समर्पित खजराना मंदिर ‘इंदौर’ में स्थित है। इस मंदिर तक देश के हर कोने से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर से नजदीकी हवाईअड्डा ‘देवी अहिल्याबाई’ एयरपोर्ट है। साथ ही रेल मार्ग से भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं। इंदौर रेलवे स्टेशन, मध्य प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध रेलवे स्टेशन है। यहां तक भारत के करीब हर हिस्से से यहां रेल गाड़ियां आती हैं। वहीं सड़क मार्ग से बस या टैक्सी द्वारा भी भगवान गणेश के दर्शन करने व आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां पहुंच सकते हैं।