Vishwakarma Puja 2024: विश्वकर्मा पूजा कल, इन मंत्रों के साथ करें पूजा, ये है सबसे शुभ मुहूर्त
कल यानी 17 सितंबर को देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा जी की जयंती है। मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। उन्हें सृष्टि के पहले शिल्पकार वास्तुकार और इंजीनियर भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र हैं। विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग अपने कारोबार में तरक्की, उन्नति के लिए औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं। तो आइए अब जानते हैं कि विश्वकर्मा जी की पूजा करते समय किन मंत्रों का जाप करना शुभदायी होगा। साथ ही जानिए कि पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
कल यानी 17 सितंबर को देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा जी की जयंती है। मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। उन्हें सृष्टि के पहले शिल्पकार वास्तुकार और इंजीनियर भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र हैं। विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग अपने कारोबार में तरक्की, उन्नति के लिए औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं। तो आइए अब जानते हैं कि विश्वकर्मा जी की पूजा करते समय किन मंत्रों का जाप करना शुभदायी होगा। साथ ही जानिए कि पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से सुबह 11 बजकर 43 मिनट का रहेगा। विश्वकर्मा जयंती की पूजा इसी मुहूर्त में करना शुभ और लाभदायक रहेगा।
विश्वकर्मा पूजा विधि
विश्वकर्मा पूजा के दिन प्रात:काल स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद पूजा स्थल या मंदिर को साफ कर गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर लें। अब एक चौकी लेकर उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।पीले कपड़े पर लाल रंग के कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं फिर भगवान गणेश का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें। स्वास्तिक पर चावल और फूल अर्पित करें। फिर चौकी पर विश्वकर्मा जी की प्रतिमा या फोटो रखें। फिर एक दीपक जलाकर चौकी पर रखें। विश्वकर्मा जी के मस्तक पर तिलक लगाएं और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें।विश्वकर्मा जी और विष्णु जी को प्रणाम करते हुए उनका स्मरण करें। साथ ही यह प्रार्थना करें कि वह आपके नौकरी या व्यापार में तरक्की करवाएं। फिर विश्वकर्मा जी के मंत्रों का जप करें।विश्वकर्मा जी की आरती करें। आरती के बाद भगवान विश्वकर्मा को फल-मिठाई का भोग लगाएं।भोग लगाने के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।
विश्वकर्मा पूजा के दिन इन मंत्रों का करें जाप
ओम आधार शक्तपे नम:।
ओम् कूमयि नम:।
ओम अनन्तम नम:।
पृथिव्यै नम: मंत्र।
ॐ धराधराय नमः
ॐ स्थूतिस्माय नमः
ॐ विश्वरक्षकाय नमः
ॐ दुर्लभाय नमः
ॐ स्वर्गलोकाय नमः
ॐ पंचवकत्राय नमः
ॐ विश्वलल्लभाय नमः
ॐ धार्मिणे नमः