Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के दिन पूजा में किस धातु का कलश रखें?
हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का पर्व बेहद पावन माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा नौ दिन विधि-विधान के साथ की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन माता रानी की पूजा करने से जातकों को सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और पुण्य फलों की भी प्राप्ति होती है। आपको बता दें, शारदीय नवरात्रि का आरंभ 03 अक्टूबर से होने जा रहा है। बता दें, नवरात्रि का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।नवरात्रि को नए आरंभ का प्रतीक भी माना जाता है। शारदीय नवरात्रि के दौरान धार्मिक अनुष्ठान जैसे कि कलश स्थापना, हवन, आदि किया जाता है। अब ऐसे में शारदीय नवरात्रि के दौरान पूजा-पाठ में किस धातु का कलश रखना शुभ माना जाता है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का पर्व बेहद पावन माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा नौ दिन विधि-विधान के साथ की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन माता रानी की पूजा करने से जातकों को सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और पुण्य फलों की भी प्राप्ति होती है। आपको बता दें, शारदीय नवरात्रि का आरंभ 03 अक्टूबर से होने जा रहा है। बता दें, नवरात्रि का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।नवरात्रि को नए आरंभ का प्रतीक भी माना जाता है। शारदीय नवरात्रि के दौरान धार्मिक अनुष्ठान जैसे कि कलश स्थापना, हवन, आदि किया जाता है। अब ऐसे में शारदीय नवरात्रि के दौरान पूजा-पाठ में किस धातु का कलश रखना शुभ माना जाता है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
पूजा में रखें पीतल का कलश
पीतल को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। यह धातु देवताओं को प्रिय मानी जाती है। पीतल में ऊर्जा संचार करने की क्षमता होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पीतल के बर्तन घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और वास्तु दोषों को दूर करते हैं। नवरात्रि में स्थापित कलश में देवी का वास माना जाता है। पीतल का कलश इस वास को और अधिक शुभ बनाता है। कलश पूजन के दौरान पीतल के कलश में जल, गंगाजल, रोली, चावल आदि भरकर पूजा की जाती है। पीतल का कलश घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह समृद्धि, सुख और शांति का प्रतीक माना जाता है।
पूजा में रखें सोने का कलश
सोना धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए सोने के कलश में देवी लक्ष्मी का निवास माना जाता है। सोना एक महान धातु है और इसे शक्ति का प्रतीक माना जाता है। सोने के कलश में देवी दुर्गा की शक्ति का आवाहन किया जाता है। सोने को शुभ माना जाता है और इसे शुभ कार्यों में उपयोग किया जाता है। सोने के कलश का उपयोग पूजा में शुभता लाने के लिए किया जाता है। सोने का कलश होना आवश्यक नहीं है। आप तांबे, पीतल या मिट्टी का कलश भी उपयोग कर सकते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि कलश को शुद्ध मन से स्थापित किया जाए।
पूजा में रखें तांबे का कलश
शास्त्रों के अनुसार, देवी का वाहन सिंह है और तांबा सिंह राशि का धातु माना जाता है। इसलिए, तांबे के कलश में देवी का आवाहन करना शुभ माना जाता है। तांबा एक अच्छा ऊर्जा का संवाहक होता है। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है।