Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा की रात आज, खुले आसमान में खीर रखने का क्या है शुभ समय?
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से जगमगाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत वर्षा के समान होती हैं और खुले आसमान में रखी खीर में चंद्रमा का अमृत समा जाता है। इस खीर को ग्रहण करने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु प्राप्त होती है। शरद पूर्णिमा की रात खीर रखने का सबसे शुभ समय चंद्रोदय के बाद होता है। चंद्रोदय का समय हर जगह अलग-अलग होता है। आप अपने क्षेत्र के अनुसार चंद्रोदय के बाद खुले आसमान में खीर रखें।
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से जगमगाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत वर्षा के समान होती हैं और खुले आसमान में रखी खीर में चंद्रमा का अमृत समा जाता है। इस खीर को ग्रहण करने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु प्राप्त होती है। शरद पूर्णिमा की रात खीर रखने का सबसे शुभ समय चंद्रोदय के बाद होता है। चंद्रोदय का समय हर जगह अलग-अलग होता है। आप अपने क्षेत्र के अनुसार चंद्रोदय के बाद खुले आसमान में खीर रखें।
ऐसी मान्यता है कि चंद्रोदय के तुरंत बाद खीर को चांदनी में रखना शुभ माना जाता है। खीर को कम से कम 3 घंटे के लिए चांदनी में रखना चाहिए। शरद पूर्णिमा के दिन चांदनी रात में खीर बनाकर रखने की परंपरा कई सालों से चली आ रही है। ये भी माना जाता है कि खीर को चांदी के बर्तन में रखा जाए तो और भी शुभ माना जाता है।
खुले आसमान में खीर रखने का समय
पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा यानि की 16 अक्तूबर की शाम चांद निकलने का समय 5 बजकर 4 मिनट पर है। चांद की रोशनी में खीर रखने का मुहूर्त शाम 7.18 तक रहेगा, क्योंकि इस दौरान रवि योग रहेगा। अगर आप इस मुहूर्त में खीर नहीं रख पा रहे हैं तो, खीर 8 बजकर 40 मिनट से पहले चंद्रमा की रोशनी में रख दें और कम से कम 2 से 3 घंटे के लिए खीर खुले आसमान के नीचे रखी रहने दें। ताकि चंद्रमा की किरणें खीर में अच्छे से अमृत का संचार कर सकें। खीर को किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां चंद्रमा की चांदनी किरणें सीधे खीर पर पड़े। खीर को रखते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद मम’ मंत्र का जाप करें। जब खीर को रखें 2 या 3 घंटे हो जाएं तब खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और घर के लोगों को वितरित करें।