शनि प्रदोष व्रत 2025: इस दिन मिल सकता है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभावों छुटकारा, जानें कैसे?
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस बार ये व्रत 24 मई, शनिवार को पड़ रहा है इसलिए इस बार का व्रत शनि प्रदोष व्रत है. ये तिथि इसलिए खास हो गयी है कि इस भगवान शिव और शनि देव दोनों की पूजा करके दोनों की कृपा प्राप्त की जा सकती है. जिन पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती का प्रभाव है, उन्हें इस दिन व्रत अत्यंत फलदायी है. शनि प्रदोष व्रत में किये गए आसान उपाय आपको शनि के बुरे प्रभावों से बचा सकते हैं. क्या हैं वो उपाय जानिए इस लेख में-
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस बार ये व्रत 24 मई, शनिवार को पड़ रहा है इसलिए इस बार का व्रत शनि प्रदोष व्रत है. ये तिथि इसलिए खास हो गयी है कि इस भगवान शिव और शनि देव दोनों की पूजा करके दोनों की कृपा प्राप्त की जा सकती है. जिन पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती का प्रभाव है, उन्हें इस दिन व्रत अत्यंत फलदायी है. शनि प्रदोष व्रत में किये गए आसान उपाय आपको शनि के बुरे प्रभावों से बचा सकते हैं. क्या हैं वो उपाय जानिए इस लेख में-
शनि प्रदोष व्रत की तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार यह व्रत 24 मई को मनाया जाएगा ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 मई को शाम 7:21 पर आरंभ होगी और यह तिथि 25 में 3:51 पर समाप्त होगी. सूर्य उदय के अनुसार यह व्रत 24 में को रखा जाएगा.
शनि प्रदोष व्रत की महिमा
शनि प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है क्योंकि जिन जातकों को शनि की ढैय्या, शनि की साढ़ेसाती या शनि दोष सता रहा है उनके अशुभ प्रभावों से बचने के लिए यह दिन एकदम खास है. शनि प्रदोष व्रत करने से शनि के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है, साथ ही संतान सुख के लिए भी शनि प्रदोष व्रत करना फलकारी होता है. इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से अनेक परेशानियां समाप्त होती हैंअगर किसी की कुंडली में राहु केतु या कालसर्प दोष है तो इस व्रत को रखने से उसके अशुभ प्रभाव भी कम हो जाते हैं. कुल मिलाकर इस दिन का व्रत पूजन शनि की पूजा-अर्चना आपके जीवन से मुश्किलें दूर कर सकती है.
शनि के प्रभाव को कम करने के उपाय
शिवलिंग और शनिदेव पर तेल से अभिषेक करें. इससे इन दोनों देवताओं की कृपा प्राप्त होगी.
पीपल की पूजा करें और दीपक जलाएं. शनि प्रदोष व्रत से शिव और शनि दोनों देवों की कृपा एक साथ प्राप्त की जा सकती है.