Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादाशी आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और व्रत पारण का समय

पौष मास के कृष्ण पक्ष में सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन विधि विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी काम सफल हो जाते हैं. हर क्षेत्र में तरक्की मिलती है. भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है.इस साल सफला एकादशी का व्रत कल रखा जाने वाला है. ऐसे में आइए जानते हैं सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और व्रत के पारण का समय.

 

पौष मास के कृष्ण पक्ष में सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन विधि विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी काम सफल हो जाते हैं. हर क्षेत्र में तरक्की मिलती है. भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है.इस साल सफला एकादशी का व्रत कल रखा जाने वाला है. ऐसे में आइए जानते हैं सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और व्रत के पारण का समय.

सफला एकादशी 2025 तिथि 
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि रविवार  रात को रात 08 बजकर 46 मिनट पर शुरू हो रही है. वहीं इस तिथि का समापन आज  यानी सोमवार, 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 09 मिनट पर होगा. ऐसे में पंचांग को देखते हुए इस साल सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर यानी कल रखा जाएगा.

सफला एकादशी 2025 पूजा मुहूर्त 
सुबह 07:04 से 08:24 तक
सुबह 09:43 से 11:02 तक
दोपहर 12:00 से 12:43 तक (अभिजीत मुहूर्त)
दोपहर 01:41 से 03:00 तक
शाम 04:20 से 05:39 तक
सफला एकादशी पूजा विधि 
सफला एकदशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि कर लें. इसके बाद हाथ में जल, चावल और फूल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प करें. फिर घर की अच्छे से साफ-सफाई करें. पूजा स्थल को साफ कर लें. वहां गंगा जल का छिड़काव करें. फिर पूजा स्थल पर शुभ मुहूर्त में लकड़ी के पटिए पर वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान विष्णु का चित्र या प्रतिमा रखें. फिर भगवान को फूलों की माला पहनाएं और कुमकुम से तिलक करें.

इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं. भगवान को फूल, फल, अबीर, गुलाल, रोली आदि चीजें एक-एक करके अर्पित करें. पूजा करते समय ऊं नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें. इसके बाद भगवान को भोग लगाएं. इसमें तुलसी के पत्ते जरूर रखें. विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. पूजा के समय सफला एकादशी की कथा का पाठ करें या सुनें. अंत में आरती करके पूजा संपन्न करें.

सफला एकादशी के मंत्र 
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ विष्णवे नमः
ॐ श्रीं लक्ष्मीनारायणाभ्यां नमः
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्
सफला एकादशी व्रत पारण समय 
एकादशी के व्रत का पारण सदा द्वादशी तिथि के दिन ही किया जाता है. ऐसे में सफला एकादशी के व्रत का पारण 16 दिसंबर मंगलवार के दिन किया जाएगा. इस दिन व्रत पारण का शुभ समय सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर शुरू हो जाएगा और 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.