Phulera Dooj kab hai: कब मनाया जाएगा फुलेरा दूज? जानें सही तिथि और महत्व

:हिंदू धर्म में हर पर्व का अपना एक खास महत्व होता है. पूरे देश भर में होली का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. उसी तरह ब्रज में, खासकर मथुरा में फुलेरा दूज का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व कृष्ण भक्तों के लिए बहुत ही महत्व रखता है. इस दिन ब्रज में श्रीकृष्ण और राधा रानी पर फूल बरसाए जाते हैं. इसके साथ ही माखन-मिश्री का भोग भी लगाया जाता है.

 

:हिंदू धर्म में हर पर्व का अपना एक खास महत्व होता है. पूरे देश भर में होली का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. उसी तरह ब्रज में, खासकर मथुरा में फुलेरा दूज का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व कृष्ण भक्तों के लिए बहुत ही महत्व रखता है. इस दिन ब्रज में श्रीकृष्ण और राधा रानी पर फूल बरसाए जाते हैं. इसके साथ ही माखन-मिश्री का भोग भी लगाया जाता है.

फुलेरा दूज कब है? 
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 01 मार्च को सुबह 3 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी. वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 2 मार्च को सुबह 12 बजकर 9 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार फुलेरा दूज का पर्व शनिवार, 1 मार्च को मनाया जाएगा.

फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त 
अमृत काल – सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 07 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक

फुलेरा दूज का महत्व 
फुलेरा दूज बसंत के आगमन का उत्सव है. कहते हैं कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रान और गोपियों के साथ होली खेली थी. इस दिन मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. भक्त इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी पर फूल बरसाते हैं. उसके बाद भजन- किर्तन कर माखन-मिश्री का भोग लगाते हैं.

विवाह के लिए शुभ दिन 
इस दिन बड़ी संख्या में विवाह होते हैं. फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है. यानी इस दिन विवाह के लिए किसी ज्योतिष गणना की जरूरत नहीं होती है. यही वजह है कि इस दिन बहुत सी शादियां होती है. इसे सर्दी के मौसम का आखिरी शादी शुभ दिन भी कहा जाता है.