Paush Maas 2025: आज से पौष माह शुरू, भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना बढ़ सकती है परेशानी!

पंचांग के अनुसार, साल 2025 में पौष मास की शुरुआत शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 से होगी और इसका समापन शनिवार, 3 जनवरी 2026 को होगा. लगभग एक महीने तक चलने वाला यह काल सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है, जिसे ज्योतिष में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. आइए जानते हैं पौष माह के दौरान किन कामों करने की मनाही होती है.हिंदू कैलेंडर के 10वें माह ‘पौष’ की शुरुआत होने वाली है. यह माह धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इसी दौरान ‘खरमास’ (Kharmas) लगता है और सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं. इस पूरे महीने कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य माना गया है, वर्ना देवी-देवता अप्रसन्न हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि पौष माह के दौरान आपको कौन सी गलतियां और कौन से कामों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

 

पंचांग के अनुसार, साल 2025 में पौष मास की शुरुआत शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 से होगी और इसका समापन शनिवार, 3 जनवरी 2026 को होगा. लगभग एक महीने तक चलने वाला यह काल सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है, जिसे ज्योतिष में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. आइए जानते हैं पौष माह के दौरान किन कामों करने की मनाही होती है.हिंदू कैलेंडर के 10वें माह ‘पौष’ की शुरुआत होने वाली है. यह माह धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इसी दौरान ‘खरमास’ (Kharmas) लगता है और सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं. इस पूरे महीने कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य माना गया है, वर्ना देवी-देवता अप्रसन्न हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि पौष माह के दौरान आपको कौन सी गलतियां और कौन से कामों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

पौष माह में न करें ये काम!
पौष माह में खरमास (Kharmas) लगने के कारण, इस पूरे महीने मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, यदि इस दौरान कोई शुभ कार्य किया जाता है, तो उसका फल अच्छा नहीं मिलता है और वह कार्य सफल नहीं होता है. जैसे इस दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, जनेऊ संस्कार, नए व्यवसाय की शुरुआत. तामसिक भोजन का सेवन न करें. धार्मिक ग्रंथों में पौष माह को तपस्या और सात्विकता का महीना बताया गया है. इस दौरान आपको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

मांस, मदिरा का सेवन न करें
मांस, मदिरा (शराब) और किसी भी प्रकार के नशे का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. तामसिक भोजन जैसे- लहसुन, प्याज से दूरी बनाए रखें. इससे आपका मन अशांत होता है और पूजा-पाठ में बाधा आती है.

अन्न दान को नज़रअंदाज़ न करें
पौष माह में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व होता है. इस माह में अन्न दान करना बेहद शुभ माना गया है. इस माह में ज़रूरतमंदों को अन्न, चावल, गेहूं का दान जरूर करना चाहिए.

कटु या कठोर वचन न बोलें
मान्यता है कि इस महीने वाणी पर संयम रखना चाहिए. किसी का अपमान करना, कटु वचन बोलना, या किसी को ठेस पहुंचाना महापाप माना जाता है. यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपको सूर्य देव का प्रकोप झेलना पड़ सकता है, जिससे आपके मान-सम्मान और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है.

पौष माह में क्या करना चाहिए?
इस माह में सूर्य देव की पूजा और भगवान विष्णु की आराधना करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
रोजाना सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दें.
भगवद गीता का पाठ करें.