Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर सूर्य को अर्घ्य देते समय करें इन मंत्रों का जाप, हर तरफ मिलेगी सफलता!
साल की शुरुआत में हिंदू धर्म का पहला और महत्वपूर्ण पर्व मकर संक्राति मनाया जाता है।इस दिन पूजा-पाठ करने के साथ स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्यदेव की अराधना और अर्घ्य देना बहुत ही शुभ होता है। मान्यात है कि ऐसा करने से व्यक्ति पर सूर्यदेव की कृपा होती है। इसके अलावा यदि मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देते हुए कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाए तो व्यक्ति को जीवन से कार्यों में सफलता हासिल होती है।
साल की शुरुआत में हिंदू धर्म का पहला और महत्वपूर्ण पर्व मकर संक्राति मनाया जाता है।इस दिन पूजा-पाठ करने के साथ स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्यदेव की अराधना और अर्घ्य देना बहुत ही शुभ होता है। मान्यात है कि ऐसा करने से व्यक्ति पर सूर्यदेव की कृपा होती है। इसके अलावा यदि मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देते हुए कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाए तो व्यक्ति को जीवन से कार्यों में सफलता हासिल होती है।
कब है मकर संक्रांति?
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार मंकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
मकर संक्रांति पर इन मंत्रों का करें जाप
सूर्य बीज मंत्र
ॐ हूं सूर्याय नम:
सूर्य शक्ति मंत्र
ॐ सूर्याय आदित्याय श्री महादेवाय नमः
सूर्य सिद्धि मंत्र
ॐ सूर्याय सुर्याय नमः
सूर्य यंत्र मंत्र
ॐ हं सूर्याय नमः
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
आदित्य हृदयम मंत्र
नमस्कारं च देवेशं लोकनाथं जगतां पतिं।
सूर्यमस्तकं बध्यं ब्राह्मणं बद्धमाश्रयेत्॥
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति का पर्व नई फसल के आगमन का प्रतीक होता है। इस दिन किसन नई फसल के लिए ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। इस दिन सूर्य देव की अराधना करने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। वहीं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और समृद्धि आती है।